Skip to main content

बालि बिना थके सुबह-सुबह दौड़कर करता था समुद्रों की परिक्रमा

श्रीराम ने अपने मित्र सुग्रीव के कष्टों को दूर करने के लिए उसके भाई बालि का वध किया था। बालि बहुत ही पराक्रमी और शक्तिशाली था। श्रीराम ने छिपकर बालि पर बाण चलाए थे और इस कारण वह मारा गया। श्रीराम के इस प्रसंग को लेकर अलग-अलग मतभेद भी हैं कि श्रीराम ने छिपकर बालि का वध किया जो कि गलत है। कई लोग इसे सही भी मानते हैं। 
बालि और रावण
बालि और रावण के विषय में प्रसंग मिलता है कि एक समय रावण बालि से युद्ध करने पहुंच गया था। तब बालि ने रावण को अपने बगल में दबाकर समुद्रों की परिक्रमा की थी। इसके बाद रावण ने अपनी हार मान ली थी।
बालि वध से पूर्व जब श्रीराम ने सुग्रीव के शत्रु बालि को खत्म करने की बात कही थी तो सुग्रीव ने उसके पराक्रम और शक्तियों की जानकारी श्रीराम को दी थी। सुग्रीव ने श्रीराम को बताया कि बालि सूर्योदय से पहले ही पूर्व, पश्चिम और दक्षिण के सागर की परिक्रमा करके उत्तर तक घूम आता है।
ये है प्रसंग
जब रावण सीता का हरण करके लंका ले गया तो सीता की खोज करते हुए श्रीराम और लक्ष्मण की भेंट हनुमान से हुई। ऋष्यमूक पर्वत पर हनुमान ने सुग्रीव और श्रीराम की मित्रता करवाई। सुग्रीव ने श्रीराम को सीता की खोज में मदद करने का आश्वासन दिया। इसके बाद सुग्रीव ने श्रीराम के सामने अपना दुख बताया कि किस प्रकार बालि ने बलपूर्वक मुझे (सुग्रीव को) राज्य से निष्कासित कर दिया है और मेरी पत्नी पर भी अधिकार कर लिया है। इसके बाद भी बालि मुझे नष्ट करने के लिए प्रयास कर रहा है। इस प्रकार सुग्रीव ने श्रीराम के सम्मुख अपनी पीड़ा बताई तो भगवान ने सुग्रीव को बालि के आतंक से मुक्ति दिलाने का भरोसा जताया।
सुग्रीव ने श्रीराम को बताया कि बालि बड़े-बड़े पर्वतों पर तुरंत ही चढ़ जाता है और बलपूर्वक शिखरों को उठा लेता है। इतना ही नहीं, वह इन शिखरों को हवा में उछालकर फिर से हाथों में पकड़ लेता है। वनों में बड़े-बड़े पेड़ों को तुरंत ही तोड़ डालता है।
बालि ने दुंदुभि नामक असुर का किया था वध
सुग्रीव ने बताया कि एक समय दुंदुभि नामक असुर था। वह बहुत ही शक्तिशाली और मायावी था। इस असुर की ऊंचाई कैलाश पर्वत के समान थी और वह किसी भैंसे की तरह दिखाई देता था। दुंदुभि एक हजार हाथियों का बल रखता था।
अपार बल के कारण वह घमंड से भर गया था। इसी घमंड में वह समुद्र देव के सामने पहुंच गया और युद्ध के लिए उन्हें ललकारने लगा। तब समुद्र ने दुंदुभि से कहा कि मैं तुमसे युद्ध करने में असमर्थ हूं। गिरिराज हिमालय तुमसे युद्ध कर सकते हैं, अत: तुम उनके पास जाओ। इसके बाद वह हिमालय के पास युद्ध के लिए पहुंच गया। तब हिमालय ने दुंदुभि को बालि से युद्ध करने की बात कही।

इस कारण ऋष्यमूक पर्वत पर नहीं जाता था बालि
सुग्रीव ने बताया कि बालि देवराज इंद्र का पुत्र है, इस कारण वह परम शक्तिशाली है। जब दुंदुभि ने बालि को युद्ध के लिए ललकारा तो उसने विशालकाय दुंदुभि को बुरी तरह-तरह मार-मारकर परास्त कर दिया था। जब पर्वत के आकार का भैंसा दुंदुभि मारा गया तो बालि ने दोनों हाथों से उठाकर उसके शव को हवा में फेंक दिया। हवा में उड़ते हुए शव से रक्त की बूंदें मतंग मुनि के आश्रम में जा गिरींं। इन रक्त की बूंदों से मतंग मुनि का आश्रम अपवित्र हो गया।
इस पर क्रोधित होकर मतंग मुनि ने श्राप दिया कि जिसने भी मेरे आश्रम और इस वन को अपवित्र किया है, वह आज के बाद इस क्षेत्र में न आए। अन्यथा उसका नाश हो जाएगा। मतंग मुनि के श्राप के कारण ही बालि ऋष्यमूक पर्वत क्षेत्र में प्रवेश नहीं करता था।

Comments

Popular posts from this blog

बड़ी आंखों वाली लड़की होती है भाग्यवान, ये हैं किस्मत वाली स्त्रियों के चिह्न

सभी पुरुष चाहते हैं कि उनका विवाह ऐसी स्त्री से हो जो भाग्यशाली हो व कुल का नाम ऊंचा करने वाली हो, लेकिन सामान्य रूप से किसी स्त्री को देखकर इस बारे में विचार नहीं किया जा सकता क्योंकि सुंदर दिखने वाली स्त्री कुटिल भी हो सकती है, वहीं साधारण सी दिखने वाली स्त्री विचारवान हो सकती है। ज्योतिष के अंतर्गत एक ऐसी विधा भी है जिसके अनुसार किसी भी स्त्री के अंगों पर विचारकर उसके स्वभाव व चरित्र के बारे में काफी कुछ आसानी से जाना सकता है।  इस विधा को सामुद्रिक रहस्य कहते हैं। इस विधा का संपूर्ण वर्णन सामुद्रिक शास्त्र में मिलता है। धर्म ग्रंथों के अनुसार सामुद्रिक शास्त्र की रचना भगवान शिव के पुत्र कार्तिकेय ने की है। इस ग्रंथ के अनुसार आज हम आपको कुछ ऐसे लक्षणों के बारे में बता रहे हैं, जिसे देखकर  सौभाग्यशाली स्त्रियों के विषय में आसानी से विचार किया जा सकता है-    1 of 8 Next श्लोक पूर्णचंद्रमुखी या च बालसूर्य-समप्रभा। विशालनेत्रा विम्बोष्ठी सा कन्या लभते सुखम् ।1। या च कांचनवर्णाभ रक्तपुष्परोरुहा। सहस्त्राणां तु नारीणां भवेत् सापि पतिव्रता ।2।  ...

मान्यताएं: मंदिर से जूते-चप्पल चोरी हो जाए तो समझें ये बातें

मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना आम बात है। इस चोरी को रोकने के लिए सभी बड़े मंदिरों में जूते-चप्पल रखने के लिए अलग से सुरक्षित व्यवस्था की जाती है। इस व्यवस्था के बावजूद भी कई बार लोगों के जूते-चप्पल चोरी हो जाते हैं। किसी भी प्रकार की चोरी को अशुभ माना जाता है, लेकिन पुरानी मान्यता है कि जूते-चप्पल चोरी होना शुभ है।   यदि शनिवार के दिन ऐसा होता है तो इससे शनि के दोषों में राहत मिलती है। काफी लोग जो पुरानी मान्यताओं को जानते हैं, वे अपनी इच्छा से ही दान के रूप में मंदिरों के बाहर जूते-चप्पल छोड़ आते हैं। इससे पुण्य बढ़ता है।   पैरों में होता है शनि का वास   ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर और कठोर ग्रह माना गया है। शनि जब किसी व्यक्ति को विपरीत फल देता है तो उससे कड़ी मेहनत करवाता है और नाम मात्र का प्रतिफल प्रदान करता है। जिन लोगों की राशि पर साढ़ेसाती या ढय्या चली रही होती है या कुंडली में शनि शुभ स्थान पर न हो तो उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।   हमारे शरीर के सभी अंग ग्रहों से प्रभावित होते हैं। त्वचा (चमड़ी) और पैरों में श...

सुबह जल्दी नहाने से बढ़ती है चेहरे की चमक और मिलते हैं ये फायदे

अच्छे स्वास्थ्य और सुंदर शरीर के लिए जरूरी है रोज नहाना। नहाने के लिए सबसे अच्छा समय सुबह-सुबह का ही होता है। शास्त्रों में सुबह जल्दी नहाने के कई चमत्कारी फायदे बताए गए हैं। नहाते समय यहां दी गई बातों का ध्यान रखेंगे तो सभी देवी-देवताओं की कृपा प्राप्त हो सकती है और कुंडली के दोष भी शांत हो सकते हैं। साथ ही, स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं।   सुबह जल्दी नहाने के फायदे...   शास्त्रों के अनुसार सुबह जल्दी जागना अनिवार्य बताया है। जल्दी जागकर सूर्योदय से पूर्व नहाने से त्वचा की चमक बढ़ती है और दिनभर के कामों में आलस्य का सामना नहीं करना पड़ता है। जबकि जो लोग देर से नहाते हैं, उनमें आलस्य अधिक रहता है, वे जल्दी थक जाते हैं और कम उम्र में ही त्वचा की चमक कम हो सकती है।   सुबह जल्दी जागकर नहाने के बाद प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए। सूर्य को जल चढ़ाने से मान-सम्मान प्राप्ति होती है, ऑफिस हो या घर आपके कार्यों को सराहना मिलती है।   नहाने से पहले तेल मालिश करें   नहाने से पहले शरीर की अच्छी तरह से तेल मालिश करना चाहि...