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Showing posts from December 14, 2014

धमधूसर कव्वाल / काका हाथरसी

मेरठ में हमको मिले धमधूसर कव्वाल तरबूजे सी खोपड़ी, ख़रबूजे से गाल ख़रबूजे से गाल, देह हाथी सी पाई लंबाई से ज़्यादा थी उनकी चौड़ाई बस से उतरे, इक्कों के अड्डे तक आये दर्शन कर घोड़ों ने आँसू टपकाये  रिक्शे वाले डर गये, डील-डौल को देख हिम्मत कर आगे बढ़ा, ताँगे वाला एक  ताँगे वाला एक, चार रुपये मैं लूँगा दो फ़ेरी कर, हुज़ूर को पहुँचा दूँगा

मसूरी यात्रा / काका हाथरसी

देवी जी कहने लगीं, कर घूँघट की आड़ हमको दिखलाए नहीं, तुमने कभी पहाड़ तुमने कभी पहाड़, हाय तकदीर हमारी इससे तो अच्छा, मैं नर होती, तुम नारी कहँ ‘काका’ कविराय, जोश तब हमको आया मानचित्र भारत का लाकर उन्हें दिखाया देखो इसमें ध्यान से, हल हो गया सवाल यह शिमला, यह मसूरी, यह है नैनीताल यह है नैनीताल, कहो घर बैठे-बैठे- दिखला दिए पहाड़, बहादुर हैं हम कैसे ? कहँ ‘काका’ कवि, चाय पिओ औ’ बिस्कुट कुतरो पहाड़ क्या हैं, उतरो, चढ़ो, चढ़ो, फिर उतरो यह सुनकर वे हो गईं लड़ने को तैयार मेरे बटुए में पड़े, तुमसे मर्द हज़ार तुमसे मर्द हज़ार, मुझे समझा है बच्ची ? बहका लोगे कविता गढ़कर झूठी-सच्ची ? कहँ ‘काका’ भयभीत हुए हम उनसे ऐसे अपराधी हो कोतवाल के सम्मुख जैसे आगा-पीछा देखकर करके सोच-विचार हमने उनके सामने डाल दिए हथियार डाल दिए हथियार, आज्ञा सिर पर धारी चले मसूरी, रात्रि देहरादून गुजारी कहँ ‘काका’, कविराय, रात-भर पड़ी नहीं कल चूस गए सब ख़ून देहरादूनी खटमल सुबह मसूरी के लिए बस में हुए सवार खाई-खंदक देखकर, चढ़ने लगा बुखार चढ़ने लगा बुखार, ले रहीं वे उबकाई नींबू-चूरन-चटनी कुछ भी काम न आई ...

नाम बड़े, दर्शन छोटे / काका हाथरसी

नाम-रूप के भेद पर कभी किया है गौर ? नाम मिला कुछ और तो, शक्ल-अक्ल कुछ और शक्ल-अक्ल कुछ और, नैनसुख देखे काने बाबू सुंदरलाल बनाए ऐंचकताने कहँ ‘काका’ कवि, दयाराम जी मारें मच्छर विद्याधर को भैंस बराबर काला अक्षर मुंशी चंदालाल का तारकोल-सा रूप श्यामलाल का रंग है जैसे खिलती धूप जैसे खिलती धूप, सजे बुश्शर्ट पैंट में- ज्ञानचंद छै बार फेल हो गए टैंथ में कहँ ‘काका’ ज्वालाप्रसाद जी बिल्कुल ठंडे पंडित शांतिस्वरूप चलाते देखे डंडे देख, अशर्फीलाल के घर में टूटी खाट सेठ भिखारीदास के मील चल रहे आठ मील चल रहे आठ, कर्म के मिटें न लेखे धनीराम जी हमने प्राय: निर्धन देखे कहँ ‘काका’ कवि, दूल्हेराम मर गए क्वाँरे बिना प्रियतमा तड़पें प्रीतमसिंह बिचारे दीन श्रमिक भड़का दिए, करवा दी हड़ताल मिल-मालिक से खा गए रिश्वत दीनदयाल रिश्वत दीनदयाल, करम को ठोंक रहे हैं ठाकुर शेरसिंह पर कुत्ते भौंक रहे हैं ‘काका’ छै फिट लंबे छोटूराम बनाए नाम दिगंबरसिंह वस्त्र ग्यारह लटकाए पेट न अपना भर सके जीवन-भर जगपाल बिना सूँड़ के सैकड़ों मिलें गणेशीलाल मिलें गणेशीलाल, पैंट की क्रीज सम्हारी- बैग कुली को दिया चले मिस्टर गिरि...

इन 7 ड्राय फ्रूट्स में है रोगों से बचाने की क्षमता, जानें इनके सर्दियों में फायदे

  सूखे मेवे खाना शरीर और स्वास्थ्य दोनों के लिए फायदेमंद होता है। ड्राय फ्रूट्स में प्रोटीन, फाइबर, फॉलिक एसिड, विटामिन ई, विटामिन बी-6 और खनिज पदार्थ की भरपूर मात्रा होती है। भारतीय परिवारों में जाड़ों की शुरुआत होते ही हर घर में ड्राय फ्रूट्स आ जाता है। कई घरों में तो गर्मियों में भी सूखे मेवे खाएं जाते हैं, हालांकि गर्म होने की वजह से इस मौसम में ये शरीर को थोड़ा नुकसान पहुंचा सकते हैं। आपने अक्सर देखा होगा कि सर्दियों में सुबह स्कूल जाते वक्त मां बच्चे की जेब को सूखे मेवों से भर देती है। सूखे मेवों के सेवन से दिनभर शरीर में ऊर्जा बनी रहती है और कई तरह की बीमारियां भी दूर होती हैं। आज हम आपको ड्राई फ्रूट्स के वो फायदे और गुण बताने जा रहे हैं, जिन्हें जानकर आप भी हैरान हो जाएंगे। बस ध्यान रखने वाली बात यह है कि इन्हें सही मात्रा में खाएं। सूखी अंजीर सूखी अंजीर भूख को नियंत्रित रखने में सहायक होती है। इसमें फाइबर और पोटैशियम की मात्रा ज़्यादा होती है। मोटे लोगों को सूखी अंजीर का सेवन करना चाहिए। यह उनका वज़न कम करने में भी सहायक होती है। ध्यान दें:  अंजीर का अधिक स...

दुनिया के 12 अजीबोगरीब जानवर, शायद नहीं देखा होगा आपने

रेड लिप्ड बैटफिश लाल सुर्ख होंठ वाली रेड लिप्ड बैटफिश इक्वाडोर के गैलापागोस आइलैंड पर पाई जाती है। इस मछली को देखकर लगता है कि मानो ये अपने होंठों पर गहरे लाल रंग की लिपिस्टिक लगा रखी हो। हालांकि, इसके लाल होंठ कुदरती हैं। यह मछली अच्छे से तैरना नहीं जानती है ऐसे में इसे समुद्र तल पर चलने के लिए अपने पंख को कवच के रूप में छाती पर रखना पड़ता है। सी पिग सी पिग अटलांटिक, प्रशांत और हिंद महासागर में 1000 मीटर से अधिक गहराई में पाया जाता है। ये समुद्र में पाए जाने वाले कीड़ों को अपना भोजन बनाते हैं। ये एकीडोनर्म्स समूह से आते हैं, जिसमें सी अर्चिन्स और सितारा मछली भी शामिल हैं। उबोनिया स्पीनोसा उबोनिया स्पीनोसा एक तरह का कांटेदार कीड़ा है, जो पेड़ों पर रहता है। यह अक्सर पेड़ों की डालियों में प्रवेश करने के लिए अपनी चोंच का उपयोग करता है। ये साउथ और सेंट्रल अमेरिका, मैक्सिको और साउथ फ्लोरिडा में पाया जाता है हमिंगबर्ड हॉक हमिंगबर्ड हॉक को अक्सर फूलों के इर्दगिर्द मंडराते हुए देखा जा सकता है। इस दौरान वह एक अजीब किस्म की ध्वनि भी निकालती है। ये कई अलग-अल...

ऐसा मानते हैं कि दूध के इन उपायों से दूर हो सकती है दरिद्रता

ये बात तो सभी जानते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य और शक्ति के लिए प्रतिदिन दूध पीना चाहिए, लेकिन क्या आप जानते हैं ज्योतिष में दूध के भी कई उपाय बताए गए हैं। माना जाता है कि इन उपायों से बुरा समय दूर हो सकता है और दरिद्रता से मुक्ति पाई जा सकती है। घर-परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ सकती है। शास्त्रों के अनुसार देवी-देवताओं को दूध भी विशेष रूप से अर्पित किया जाता है। दूध का उपयोग पंचामृत में भी एक अमृत के रूप में किया जाता है।   जीवन में क्यों आती हैं परेशानियां   कुछ लोगों को कड़ी मेहनत के बाद भी पर्याप्त धन प्राप्त नहीं हो पाता है। इस संबंध में ज्योतिष में बताया गया है कि यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में कोई ग्रह दोष हो तो व्यक्ति को कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। धन अभाव का सामना करना पड़ता है। कुंडली के अशुभ ग्रहों का उपचार कर लिया जाए तो बुरा समय टल सकता है। यहां जो उपाय बताए जा रहे हैं, उनसे कुंडली के दोष दूर होते हैं और कार्यों में सफलता मिलने की संभावनाएं काफी बढ़ जाती हैं।   पहला उपाय   ऐसा माना जाता है कि ज्योतिष के तंत्र शास्त्र में बताए...

छिपकली भी देती है धन हानि व प्रमोशन के संकेत, जानिए कैसे

प्रकृति ने भविष्य में होने वाली विभिन्न घटनाओं के बारे में मनुष्य को अवगत कराने के लिए कई माध्यम बनाए हैं। पशु-पक्षी व जीव-जंतु भी उन्हीं माध्यमों में से एक हैं। पशु-पक्षी व जीव-जंतु भी विभिन्न क्रिया-कलापों के माध्यम से हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं से अवगत कराते हैं। वर्तमान में इस प्रकार की बातों पर पूरी तरह से यकीन नहीं किया जा सकता, लेकिन शकुन शास्त्र में पशु-पक्षियों आदि से प्राप्त होने वाले संकेतों का स्पष्ट वर्णन मिलता है। घरों में सामान्य रूप से पाई जाने वाली छिपकली भी भविष्य में होने वाली कई घटनाओं के बारे में संकेत करती है। जरूरत है तो बस उन संकेतों को समझने की। जानिए छिपकली हमें भविष्य की संभावित घटनाओं की जानकारी कैसे देती है- 1- छिपकली किसी व्यक्ति के सिर अथवा दाहिने हाथ पर गिरे तो सम्मान मिलने की संभावना रहती है किंतु बाएं हाथ पर गिरे तो धन हानि हो सकती है और यदि छिपकली किसी व्यक्ति के दाई ओर से चढ़कर बांई ओर उतरती है तो उसे पदोन्नति यानी प्रमोशन और धन लाभ मिलने की संभावना बन सकती है। 2- नए घर में प्रवेश करते समय यदि गृहस्वामी को छिपकली मरी हुई व मिट्टी लगी ह...