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Showing posts from November 24, 2014

उदास क्यों हो?

संता और बंता कई दिनों बाद मिले संता कुछ उदास सा लग रहा था और आँखों में आंसू थे। बंता ने पूछा, "अरे तुम तो ऐसे लग रहे हो जैसे तुम्हारा सुब कुछ लुट गया हो क्या बात है?" संता ने कहा, "अरे क्या बताऊँ तीन हफ्ते पहले मेरे अंकल गुजर गए और मेरे लिए 50 लाख रूपए छोड़ गए।" बंता: तो इसमें बुरी बात क्या है? संता ने कहा: और सुनो दो हफ्ते पहले मेरा एक चचेरा भाई मर गया जिसे मैं जानता भी नहीं था वो मेरे लिए 20 लाख रूपए छोड़ गया। बंता ने कहा: ये तो अच्छा हुआ। बंता ने कहा: पिछले हफ्ते मेरे दादाजी नहीं रहे और वो मेरे लिए पूरा 1 करोड़ छोड़ गए। बंता ने कहा: ये तो और भी अच्छी बात है पर तुम इतना उदास क्यों हो? संता ने कहा: इस हफ्ते कोई भी नहीं मरा। 

हैप्पी एंडिंगः समीक्षा पढ़कर ही देखिए फिल्म

एक खूबसूरत सपना है। एक लेखक का उपन्यास इतना हिट हुआ कि उसने साढ़े पांच साल सिर्फ रॉयल्टी के दम पर जिंदगी के मजे लूटे। शानदार घर, लक्जरी कार, क्लब में पार्टियां, शराब और समय-समय पर बदलती गर्लफ्रेंड। हिंदुस्तान में यह सपना क्या कभी सच हो सकता है? दुनिया के किसी कोने में किसी भाषा के एकाध लेखक के साथ ऐसा कभी घट जाए तो उसकी कहानी कितनी नीरस और जड़ हो सकती है, वह आप हैप्पी एंडिंग में देख सकते हैं। एक है यूडी (सैफ अली खान)। अमेरिका में रहता है। वही इस सपने वाला लेखक है। सारा पैसा उड़ा कर वह कंगाली के कगार पर है और तुरंत पैसा कमाना है। उसका एजेंट उसे एक बॉलीवुड स्टार (गोविंदा) से मिलवाता है, जो रोमांटिक कॉमेडी लिखाना चाहता है। लेखन की दुनिया में यूडी की जगह दूसरी राइटर आंचल (इलियाना डिक्रूज) ले चुकी है।  रोमांटिक कॉमेडी लिखते-लिखते यूडी और आंचल में प्यार होता है। लेकिन दोनों एक-दूसरे के साथ जिंदगी बिताने का वादा नहीं करते। बस, यह फैसला करते हैं कि एक-एक दिन साथ जीएंगे। ये है हैप्पी एंडिंग। ट्विस्ट देने के लिए इसमें यूडी की एक गर्लफ्रेंड (कल्कि कोचिलीन) है, जिसे वह छोड़ना चाहता है और वह प...

संत की नसीहत

बहुत समय पहिले की बात है बाबा भारती नाम के एक संत किसी गाँव मे रहते थे । वे गाँव के सभी लोगों से बड़ा प्रेम रखते थे एवं उनकी हमेशा सहायता करने मे तत्पर रहते थे । गाँव वासी भी उन्हे बहुत चाहते थे । बाबा भारती के पास एक घोडा था जिसे उन्होने जब वह बच्चा था तब से पाला था । बड़ा होने पर वह घोडा बहुत फुरतीला एवं अच्छी कद काठी वाला हो गया । बाबा भारती को उससे अत्यधिक लगाव था और वो एक पल के लिए भी उसे नहीं छोडते थे । घोड़े और उससे बाबा भारती के लगाव की कथा शीघ्र ही दूर द ूर तक फेल गयी और लोग इसे प्रत्यक्ष देखने के लिए आते रहते थे । उनमे से कुछ लोग बाबा से घोड़े को बेचने का प्रस्ताव भी रख देते थे । परंतु बाबा को यह नामंज़ूर था । वो साफ मना कर देते थे । धीरे धीरे ये बात प्रख्यात डाकू खड़ग सिंह को पता लगी । वह भी घोडा देखने बाबा की कुटिया पे पहुँच गया । घोडा अत्यधिक पसंद आने पे उसने बाबा को अपना असली परिचय देते हुए उसे खरीदने की पेशकश बाबा के सन्मुख की , परंतु बाबा किसी भी तरह तैयार नहीं हुए । खड़ग सिंह को ये बात अच्छी नहीं लगी और उसने बाबा को कहा बाबा जी आपको घोड़े का क्या काम एवं अब यह घोडा आप...

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दैनिक भास्कर में एक खबर छपी है कि आगरा घुमने आई दो ईरानी महिलाओ को नमाज पढने के लिए जगह नही मिल रही थी .. उनकी फ़ारसी भाषा कोई समझ नही पा रहा था .. और न ही वो कोई और दूसरी भाषा समझ पा रहीं थी ! वहीँ पास ही एक हनुमान मन्दिर के पुजारी ने इशारे से समझ लिया की इन्हें नमाज पढना है ... और उसने मन्दिर का द्वारा खोल दिया ताकि ये महिलाये नमाज पढ़ सके ,.... अब पुजारी के इस काम की तारीफ़ करने के बजाय नीच कठमुल्ले इस बात पर चर्चा कर रहे है की एक बुत के सामने नमाज पढकर इन दोनों महिलाओ ने इ स्लाम का अपमान किया है ... देवबंद ने भी इन महिलाओ पर नाराजगी जताई है ...अब ये महिलाये बेहद डरी हुई है की कही ईरान वापस जाने के बाद उन्हें गिरफ्तार न कर लिया जाए ... इन अनपढ़ मुल्लों ने शायद कभी इस्लाम की तारीख और रसूल की जीवनी नहीं पढ़ी है, इन उल्लुओं को शायद ये पता नहीं कि फतह मक्का से पहले तक रसूल (स0) और उनके तमाम सहाबा काबा के रखे 360 मूर्तियों के सामने न सिर्फ नमाज़ पढ़ते रहे बल्कि हज भी किया ! उन्होंने तो कभी ये चिंता नहीं कि बुतों के सामने पढ़ी गई नमाज या हज कबूल होगी या नहीं? ये इतना ही नहीं है जब मदीना में ...

Asha

रात का समय था, चारों तरफ सन्नाटा पसरा हुआ था , नज़दीक ही एक कमरे में चार मोमबत्तियां जल रही थीं। एकांत पा कर आज वे एक दुसरे से दिल की बात कर रही थीं। पहली मोमबत्ती बोली, ” मैं शांति हूँ , पर मुझे लगता है अब इस दुनिया को मेरी ज़रुरत नहीं है , हर तरफ आपाधापी और लूट-मार मची हुई है, मैं यहाँ अब और नहीं रह सकती। …” और ऐसा कहते हुए , कुछ देर में वो मोमबत्ती बुझ गयी। दूसरी मोमबत्ती बोली , ” मैं विश्वास हूँ , और मुझे लगता है झूठ और फरेब के बीच मेरी भी यहाँ कोई ज़रुरत नहीं है , मैं भी यह ाँ से जा रही हूँ …” , और दूसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी। तीसरी मोमबत्ती भी दुखी होते हुए बोली , ” मैं प्रेम हूँ, मेरे पास जलते रहने की ताकत है, पर आज हर कोई इतना व्यस्त है कि मेरे लिए किसी के पास वक्त ही नहीं, दूसरों से तो दूर लोग अपनों से भी प्रेम करना भूलते जा रहे हैं ,मैं ये सब और नहीं सह सकती मैं भी इस दुनिया से जा रही हूँ….” और ऐसा कहते हुए तीसरी मोमबत्ती भी बुझ गयी। वो अभी बुझी ही थी कि एक मासूम बच्चा उस कमरे में दाखिल हुआ। मोमबत्तियों को बुझे देख वह घबरा गया , उसकी आँखों से आंसू टपकने लगे और वह रुंआसा होते हुए ...

बच्चे को जन्म देते ही निकाली जाती है 'मां

देव परंपरा के नाम पर देवभूमि हिमाचल के कई गांवों में आज भी ऐसी कई अजीबोगरीब प्रथाएं हैं, जिस पर यकीन करना मुश्किल होता है। बच्चों के जन्म पर भी इस तरह की प्रथाओं के बारे में अक्सर सुनने को मिलता है। देश-दुनिया में प्रसव के बाद जच्चा-बच्चा को जहां जमीन छूने नहीं दी जाती है, वहीं प्राचीनतम लोकतंत्र कहे जाने वाले कुल्लू के मलाणा गांव में बच्चे को जन्म देते ही मां को घर से बाहर निकाल दिया जाता है। बारिश हो या फिर बर्फबारी, प्रसव के बाद मां और बच्चे को करीब पंद्रह दिन तक घर से दूर बने तंबू में रहना पड़ता है। दोनों को घर से अन्न-दूध तक नसीब नहीं होता। गांव के लोग ही इन्हें खाना देते हैं। महिला पंद्रह दिन तक अपने कपड़े खुद धोती है। जिस दिन जच्चा-बच्चा घर में प्रवेश करते हैं, उससे पहले पूरे घर की लिपाई-पुताई कर शुद्धि की जाती है। मलाणा के अलावा कुल्लू के कई अन्य गांवों और ऊपरी शिमला के विभिन्न इलाकों में 21वीं शताब्दी में भी देवता और शुद्धि के नाम पर प्रसव पर ये सब किया जाता है। कई इलाकों में तो महिला को प्रसव से दो-तीन दिन पहले घर से निकाल कर गौशाला में भेज दिया जाता है। मलाणा पंचायत के पू...

ताजिया निकालने वाले कृष्ण की करते हैं पूजा

मुहर्रम के दौरान मुस्लिम मंदिर में ताजिया ले जाते हैं और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं, यह सुनकर यकीन नहीं होता। लेकिन यह सच है कि मध्य प्रदेश के दतिया जिले में ऐसा होता है जो कि सांप्रदायिक सद्भाव और हिंदू-मुस्लिम एकता की अनूठी मिसाल है। दतिया जिले के भंडेर गांव में भगवान चतुर्भुज (कृष्ण का एक रूप) का एक मंदिर है। यह मंदिर सांप्रदायिक सद्भाव का एक प्रतीक बन चुका है। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना लगभग 200 साल पहले वहां के एक स्थानीय मुस्लिम ने की थी। इस मंदिर के पुजारी रमेश पांडा ने कहा, 'ऐसा कहा जाता है कि हजारी नाम के एक मुस्लिम शख्स के सपने में भगवान आए। हजारी के सपने में भगवान ने तलाब में अपनी मौजूदगी के बारे में बताया। हजारी की नींद खुली तो उसे तीन टन की एक मूर्ति मिली। उस मूर्ति को हजारी ने अपने घर के पीछे सुरक्षित रखा। 100 साल बाद एक बार फिर से हजारी के परिवार वालों के सपने में भगवान आए और उन्होंने उस स्थान पर अपनी मौजूदगी के बारे में कहा। इस सपने का बाद हजारी के परिवार वालों ने मूर्ति स्थापित कर मंदिर का निर्माण कराया। तब से ही यहां पूजा होती आ रही है। मंदिर के लिए इ...

Chankya neeti

हरियाणा कै बुजरगौ की काहवत कैरा जाट,काला पंडित, भुरा चमार, चामरा ठाकर {खतरनाक होवै सै } ऐकला छौरा, ऊट बै मौहरा, दुर का नौहरा {हमैशा तगँ ही करै है} काश की कायरी, पुलिशयै की यारी, गधै की सवारी {कभी भी धौखा दै सकती है} भुरी चमारी,बुढी कुमहारी,जवान लुहारी {छौ मै तावली आती है} पछीत मै आला, आखँ मै जाला, घर मै साला {हमैशा सैधयगा} बीन बाजती, बीर नाचती, कौयल कुकानँती {दील कौ मौह लैती है} बाहण कै भाई, सुसराड जमाई, पडौश मै कशाई {डटणा आछा नही हौता} पुलीश की वफादारी, सालै की तरफदारी {कभी नही करणी चाहीऐ} बुढा कुमहार, गाडीया लुहार,जुती गाठता चमार {काबू मै नही आतै} टैकटर मैसी, घी दैशी,सुती खेशी {जाट की पहली पसदँ हौव सै} चौरी जैसी कार नही {अगर मार नही हौ तौ} जुऐ जैसी कार नही {अगर हार नही हौ तौ} औरत जैसा वजीर नही {अगर बदकार नही हौ तौ} अलकश नीदँ किसान न खौऐ, चौर न खौऐ खाशी बढता बयाज मुल न खावै,बीर न खौऐ हांसी।

Jai Shree Radhe Krishna

राधा ने पूछा मोहन से :- तुम्हें सब लोग चोर क्यों कहते हैं ? मोहन जी बोले :- राधे, मैं चोर हूँ, तभी तो लोग कहते हैं I राधा जी ने फिर पूछा :- तुम क्या - क्या चुराते हो ? कान्हा जी बोले :- तो फिर सुनो, जब मैं छोटा था तब मैं सब का मन चुराया करता था I फिर थोड़ा बड़ा हुआ तो मैं माखन चुराने लगा जब थोड़ा और बड़ा हुआ तो मैंने गोपिओं के वस्त्र चुराये I उस के बाद मैं भक्तों के प्यार में ऐसा हो गया, की मैंने एक नए तरह की चोरी शुरू कर दी I राधा जी बोली :- कैसी चोरी ? कान्हा जी ने बड़ा अच्छा जवाब दियi :- आज कल मैं अपने भक्तों के पाप भी चुरा लेता हूँ I राधा जी बोली :- कहाँ है यह भक्त ? कान्हा जी बोले :- एक तो इस मैसेज को share कर चुका, दूसरा इसे पढ़ कर share कर रहा है . जय श्री राधे कृष्ण

Hirday Vidarak

शकीना ने गुनाह किया था , वह मुसलमान होते हुए किसी हिन्दू लडके से शादी भला कैसे कर सकती थी ???? इस्लाम का कानून इसे भला कैसे इजाजत देता??? ऒर फिर इसके लिय न्या यालय? ?? न्यायालय में तो शकीना के इस गुनाह के लिये फरियाद करने का भी प्रावधान नहीं है हमारे संविधान में! !!!!!! . . तब??? . इस्लाम के स्वयंभू ठेकेदार , इस्लाम की 'रक्षा' के लिये शकिना को खुद ही तो दण्डित करेंगे??? ऒर चारा भी क्या है??? . ऒर फिर आप जानते ही हो कि इस्लाम में दण्ड की क्या विधि है । घॊर यातनायें!! हाँ घोर यातनायें ही तो किसी भी गुनाह का दण्ड होता है इस्लामिक कानून में । . ये यातनाएं कितनी घोर हो सकती हैं? आप सोच सकते हैं क्या?? समाचार पत्र मे प्रकाशित समाचार के अनुसार शांहजहाँ ने शकीना को कितनी ही बार समझाया, डराया, धमकाया कि कमल से मिलना छोड दे, किन्तु शकीना कमल से ही शादी करना चाहती थी । जिसके परिणाम स्वरूप शांहजहा ने अपने अन्य साथियों के साथ 8 नवम्बर को शकीना को लाठी डण्डों से पीटा, वह अपनी जिद पर अडिग रही तो उसका सामूहिक बलात्कार किया गया, वह फिर भी रोती चीखती कमल से ही शादी करने की जिद पकडे रही तो उ...

Sachchi Ghatna

एक बार में अपने एक मित्र का तत्काल केटेगरी में पासपोर्ट बनवाने पासपोर्ट ऑफिस गया था। लाइन में लग कर हमने पासपोर्ट का तत्काल फार्म लिया, फार्म भर लिया, काफी समय हो चुका था अब हमें पासपोर्ट की फीस जमा करनी थी। लेकिन जैसे ही हमारा नंबर आया बाबू ने खिड़की बंद कर दी और कहा कि समय खत्म हो चुका है अब कल आइएगा। मैंने उससे मिन्नतें की, उससे कहा कि आज पूरा दिन हमने खर्च किया है और बस अब केवल फीस जमा कराने की बात रह गई है, कृपया फीस ले लीजिए। बाबू बिगड़ गया। कहने लगा, "आपने पूरा दिन खर्च कर दिया तो उसके लिए वो जिम्मेदार है क्या? अरे सरकार ज्यादा लोगों को बहाल करे। मैं तो सुबह से अपना काम ही कर रहा हूं।" खैर, मेरा मित्र बहुत मायूस हुआ और उसने कहा कि चलो अब कल आएंगे। मैंने उसे रोका। कहा कि रुको एक और कोशिश करता हूं। बाबू अपना थैला लेकर उठ चुका था। मैंने कुछ कहा नहीं, चुपचाप उसके-पीछे हो लिया। वो एक कैंटीन में गया, वहां उसने अपने थैले से लंच बॉक्स निकाला और धीरे-धीरे अकेला खाने लगा। मैं उसके सामने की बेंच पर जाकर बैठ गया। मैंने कहा कि तुम्हारे पास तो बहुत काम है, रोज बहुत से नए-नए लोगों स...

Chaudhar Gaama ki

देहात का भी रिवाज न्यारा है। गामां का जीवन हमने तेरे शहर तै प्यारा सै उल्टे सीधे नाम निकलने का भी स्वाद न्यारा है। किसी कमजोर को पहलवान कहण का। दूसरे की गर्ल फ्रैंड को सामान कहण का। स्वाद न्यारा है। पहलवान को माडू कहण का। और फलों में आडू कहण का। स्वाद न्यारा है। एक अन्धे को सूरदास कहण का। किसी लुगाई न गंडाश कहण का। स्वाद न्यारा है। चादर को दुशाला कहण का। लंगड़े को चौटाला कहण का। स्वाद न्यारा है। सब्जी को साग कहण का। और कालिए को नाग कहण का। स्वाद न्यारा है। मसाला मुगंफली को नमकीन कहण का। और बदसूरत को हसीन कहण का। स्वाद न्यारा है। मुनाफे को चाँदी कहण का गुंडे को गाँधी कहण का। स्वाद न्यारा है। फूलों को झाड कहण का। रोडवेज को कबाड़ कहण का। झूठ को फराड कहण का। बणिये को करयाड कहण का। स्वाद न्यारा है। पाकिस्तान को कायर कहण का अर 4 लेन लिख क खुद न शायर कहन का सुयाद न्यारा ह 

Soch Kar Dekho

लड़का एक लड़की से.. क्या हो रहा है, क्या कर रही हो, मैं आज तुम्हारे रूम पर आ जाऊ??? लड़की... नहीं, अगर मिलना है तो पब्लिक प्लेस में मिलते हैं.. लड़का... कौन सी दुनिया में जी रही हूँ, आज कल सब चलता है, कुछ नही होता, मन साफ होना चाहिए, तुम तो 18वी सदी की बातें करती हो। लड़की... फिर एक काम करो अपनी बहन को मेरे भाई के रूम पे भेज दो आज के लिए.. लड़का.. जबान सम्हालकर बात कर.. लड़की.. क्यों ? अब कहाँ गई तेरी ‪#‎ आधुनिकता‬ .. ______________ ये है आज की सच्चाई आधुनिकता की। अगर तुम्हारी बहन है तो जिसे तुम ये सब बोल रहे हो वो भी किसी की बहन है। जो तुम अपनी बहन के लिए नही सोच सकते तो फिर किसि ओर की बहन के लिए क्यों चाहते हो.......

Saanchi Bat

करो सोने के सौ टुकडे तो क़ीमत कम नहीं होती l बुज़ुर्गों की दुआ लेने से इज्ज़त कभी कम नहीं होती ll जरूरतमंद को कभी देहलीज से ख़ाली ना लौटाओ l ईश्वर के नाम पर देने से दौलत कम नहीं होती ll पकाई जाती है रोटी जो मेहनत के कमाई से l हो जाए गर बासी तो भी लज्ज़त कम नहीं होती ll याद करते है अपनी हर मुसीबत में जिन्हें हम l मां और बाप के सामने झुकने से गर्दन नीचे नहीं होती 

Shaeed ka Parivar

उस दिन मैंने उस गाँव में , उस बुढे किसान को देखा उसके चश्मे का कांच टुटा हुआ था और पैरो की चप्पले फटी हुई थी... उसके चेहरे पर बड़ी वीरानी थी मुझे बस से उतरते देख ; वो दौड़ कर मेरे पास आया मेरा हाथ पकड़ कर बोला ; मेरा बेटा कैसा है बड़े दिन हुए है , उसे जंग पर गए हुए ; कह कर गया था कि ; जल्दी लौट कर आऊंगा पर अब तक नही आया मेरी हालत तो देखो .... इस उम्र में मुझे कितनी तकलीफे है उसकी माँ का इलाज़ कराना है उसकी बीबी उसका रास्ता देखती है ; उसका बेटा उसके लिए तरसता है ... मुझे अपने गले में मेरे आंसू फंसते हुए लगे ; मैंने कुछ कहना चाहा ,पर मेरा गला रुंध गया था ! उसके पीछे खड़े लोगो ने कहा कि; वो पागल हो चुका है अपने बेटे की शहादत पर जो की एक फौजी था !!! मेरी आँखें भीग उठी वो बुढा अचानक मेरा हाथ पकड़ कर बोला बेटा घर चलो हमने उसके बारे में बताओ.... तुम उसके पास से आ रहे हो न .. मैंने खामोशी से वो उजाड़ रास्ता तय किया , उस बुढे पिता के साथ ; और उसके टूटे -फूटे घर पर पहुँचा ! उसने ,मुझे एक बूढी औरत से मिलाया उसे मोतियाबिंद था ! उसने उससे कहा ,बेटे के पास से आया है उसकी ख़बर लाया है ; बूढी औरत रोन...

Inshaniyat ke Devta

मुम्बई में एक सड़क से गुजरने वाला एक वयक्ति रोज एक भिखारी महिला एवं उसकी छोटी बच्ची को देखता था। एक दिन सड़क से गुजरते हुए उसने देखा की वह भिखारी महिला मरी पड़ी है पास में ही उसकी छोटी बच्ची रो रही है। यह देख कर उस वयक्ति का ह्रदय द्रवित हो गया और उसने उस बच्ची को गोद ले लिया। वह वयक्ति था मशहूर पटकथा लेखक सलीम खान (- सलमान खान का पिता ) उसी बच्ची के विवाह के लिए सलीम खान ने Hyedrabad में पूरा महल किराये पर लिया . दिल से सलाम सलीम साहेब। 

The Indian Jugad

एक बार अमेरीकी राष्ट्रपति का हेलीकोप्टर स्टार्ट नहीं हो रहा था ! सब देशों के मेकेनिक बुलाए गए , पर वो स्टार्ट नहीं हुआ...! अमेरिकी राष्ट्रपति नें भारत में भी समाचार भेजा ! हमारे प्रधानमंत्री ने सोचा जापान , चीन , फ्राँस के मिस्त्री ठीक नहीं कर सके तो भारत में कौन कर सकता है !! पर मिस्त्री तो भेजना पङेगा....!!! उन्होंने अखबार में इस्तियार दे दिया ! वो मैंने पढा तो मुझे आयडिया आया , क्यों ना मैं '' मुन्ना '' को भेज दूँ ! वो कम्प्यूटर की छोटी मोटी बिमारी तो ठीक कर ही लेता है ! शायद तुक्का लग जाए ! नहीं तो कम से कम अमेरीका तो देख आयेगा !! मैनें मुन्ना को भेज दिया....... मुन्ना नें हेलीकोप्टर के चारों ओर चार चक्कर लगाये और बोला !! 20,30 ताकतवर आदमीयों को बुलाओ ! आदमी आने के बाद बोला...... इसको बाँई साइड से उठाकर दाँई साईड में झुकाओ !! सब ने सोचा कैसे पागल को भेजा है भारत वालों ने !! पर उन्होंने वैसा ही किया !! . . . मुन्ना - अब स्टार्ट करो !!!! चमत्कार !!!!! हेलीकोप्टर स्टार्ट हो गया ..!!! मुन्ना को सबने बधाईयाँ दी ! फिर राष्ट्रपति नें पूछा , बगैर कुछ किये ये सब कैसे किया ?...