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Showing posts from December 12, 2017

"गाय की दुर्दशा"

"गौ माता"   ये वो शब्द हैं जिनमें गाय के लिए सम्मान दिखाई देता है.  परन्तु क्या ये शब्द बोलने से या लिखने से ही हम गाय को सम्मान दे रहे हैं?  गौ रक्षा के लिए तमाम संस्थाएँ काम कर रही हैं। जिनका काम गौ को तस्करों से बचाना है और सुरक्षित गौशालाओं तक पहुँचाना है. जो शायद अपना काम कर भी रही हैं। परन्तु क्या गौ माता  पर केवल तस्करों का ही खतरा है ? 'नहीं' गौ माता को तस्करों से इतना खतरा नहीं है जितना खतरा हमारी कृतघ्ना से है।  जिस दिन हम गौ माता के उपकारों की क़द्र करना शुरू कर देंगे उसी दिन गौ माता की सुरक्षा के लिए न किसी गौ रक्षा दल की जरुरत पड़ेगी और न ही किसी गौशाला की। लेकिन हम इतने कृतघ्न हो गए हैं जब जन्म देने वाली माँ का उपकार नहीं मानते तो गौ माता का उपकार कैसे मान सकते हैं ? जब मशीन नहीं होती थी तो गौ पुत्र ही थे जो हमारे मददगार थे मशीन आते ही हम  भूल गए। और छोड़ दिया आवारा नाम मिला सांड।  अरे यार तुमने भी दूध पिया है उसकी माँ का इस नाते रिश्ता भी बनता है। दूध पिया जब दूध  देना बंद कर दिया तो खाना देना ही बंद कर दिया। फिर भगा दिया द...