हमारे देश में एक बहस छिड़ी हुई है कि राम मंदिर को तोड़कर बाबरी मस्जिद बनाई गयी। एक तबका कहता है कि राम मंदिर को बाबर ने तुडबाया और वहां पर मस्जिद का निर्माण करवाया और दूसरा कथित सेक्युलर वादी जिसे इतिहास को अपने हिसाब से पेश करने में ज्यादा आनंद आता है कहता है बाबर तो सहिषुण था बाबरी मस्जिद का निर्माण उसने नहीं करवाया। अभी कोई बाबर के वंशज भी बोल रहा था कि बाबर ने राममंदिर का का विध्वंस किया होतो में माफ़ी मांगने को तैयार हूँ। मैं ऐसे लोगों को कहूंगा की भ्रमित लोगो बाबर नामा पढ़ो जिससे तुम बाबर की राय जान सको हिंदुस्तान के बारे में। जो खुद बाबर ने लिखा है। शायद उनकी राय बदल जाये ? दुनिया में कोई ऐसा देश नहीं जिसका कोई अतीत न हो अतीत अच्छा या बुरा दोनों प्रकार का हो सकता है। इतिहास तो इतिहास होता है उसमे अच्छा या बुरा कुछ नहीं होता। शायद भारत ही ऐसा देश जहाँ इतिहास को तोड़ मरोड़कर अपने सुविधा जनक तरीके से पेश किया जाता है। प्राचीन भारत के सामाजिक, धार्मिक और आर्थिक इतिहास को गलत तरीके से पेश करने और विधि, राजनीति एवं विज्ञान के क्षेत्रों में उल्लेखनीय उपलब्धियों ...