हमें कैसे स्थान पर अपना निवास या घर बनाना चाहिए, इस संबंध में आचार्य चाणक्य ने 5 बातें बताई हैं। जिस स्थान पर ये बातें उपलब्ध हों, वहां रहना सर्वश्रेष्ठ है और ऐसे स्थान पर रहने वाला व्यक्ति हमेशा प्रसन्न रहता है, हमेशा फायदे में रहता है...
आचार्य चाणक्य कहते हैं-
आचार्य चाणक्य कहते हैं-
धनिक: श्रोत्रियो राजा नदी वैद्यस्तु पंचम:।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं वसेत्।।
पंच यत्र न विद्यन्ते तत्र दिवसं वसेत्।।
इसका श्लोक में आचार्य चाणक्य ने निवास स्थान के लिए पांच बात बताई हैं, वे इस प्रकार हैं...
पहली बात- जिस स्थान पर कोई धनी व्यक्ति होता है, वहां व्यवसाय में बढ़ोतरी होती है। धनी व्यक्ति के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अच्छा रोजगार प्राप्त होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।
दूसरी बात- जिस स्थान पर कोई ज्ञानी हो, वेद जानने वाला व्यक्ति हो, वहां रहने से धर्म लाभ प्राप्त होता है। हमारा ध्यान पापकर्म की ओर बढऩे से बचता है।
तीसरी बात- जहां राजा या शासकीय व्यवस्था से संबंधित व्यक्ति रहता है, वहां रहने से हमें शासन की सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है।
चौथी बात- जिस स्थान पर पवित्र नदी बहती हो, जहां पानी प्रचुर मात्रा में हो, वहां रहने से हमें प्रकृति के समस्त लाभ प्राप्त होते हैं।
पांचवी बात है वैद्य का होना। जिस स्थान पर वैद्य हो वहां रहने से हमें बीमारियों से तुरंत मुक्ति मिल जाती है। अत: आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई ये पांच जहां हो वहां रहना ही लाभकारी रहता है।
पहली बात- जिस स्थान पर कोई धनी व्यक्ति होता है, वहां व्यवसाय में बढ़ोतरी होती है। धनी व्यक्ति के आसपास रहने वाले लोगों के लिए अच्छा रोजगार प्राप्त होने की संभावनाएं अधिक रहती हैं।
दूसरी बात- जिस स्थान पर कोई ज्ञानी हो, वेद जानने वाला व्यक्ति हो, वहां रहने से धर्म लाभ प्राप्त होता है। हमारा ध्यान पापकर्म की ओर बढऩे से बचता है।
तीसरी बात- जहां राजा या शासकीय व्यवस्था से संबंधित व्यक्ति रहता है, वहां रहने से हमें शासन की सभी योजनाओं का लाभ प्राप्त होता है।
चौथी बात- जिस स्थान पर पवित्र नदी बहती हो, जहां पानी प्रचुर मात्रा में हो, वहां रहने से हमें प्रकृति के समस्त लाभ प्राप्त होते हैं।
पांचवी बात है वैद्य का होना। जिस स्थान पर वैद्य हो वहां रहने से हमें बीमारियों से तुरंत मुक्ति मिल जाती है। अत: आचार्य चाणक्य द्वारा बताई गई ये पांच जहां हो वहां रहना ही लाभकारी रहता है।
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