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Showing posts from January 15, 2018

आज समाज बिखर रहा है क्योंकि भावना का परित्याग कर दिया गया है

बुद्धि का विकास आवश्यक है। हम बुद्धि का विकास किस ओर करते हैं, यह बात विचारणीय है। बुद्धि का विकास हम दो दिशा में कर सकते हैं। प्रथम, हम बुद्धि को सही दिशा देकर उसे ज्ञान की उच्चतम अवस्था की उपलब्धि करा सकते हैं। कहने का आशय यह है कि हम बुद्धि को बाह्य जगत से मोड़कर अपने अंतर्मन की ओर अग्रसारित करा सकते हैं, जिससे वह अपनी आत्मा के आलोक को प्राप्त कर ले और यही मनुष्य जन्म प्राप्त करने का सच्चा व यथार्थ उद्देश्य है। देश में इसी दिशा की ओर सभी महापुरुष चले हैं। उनके द्वारा वह उन्नति प्राप्त की गई है। इस कारण उन्होंने समाज व संसार को सही रास्ता दिखलाया। बुद्धि भावना से जुड़कर आत्मिक उन्नति को प्राप्त कर पाती है। इसके विपरीत बुद्धि जब भावना का परित्याग करते हुए मात्र बुद्धिवादी बनकर आगे बढ़ती है, तब वह इंद्रियों के सुखों की पोषक होती है। वह इस ओर लग जाती है कि किस प्रकार से शरीर के सुख के लिए अधिक से अधिक योगदान किया जा सके। शरीर सुख ही मुख्य उद्देश्य रह जाता है। जैसा कि आजकल दृष्टिगोचर हो रहा है। आज समाज बिखर रहा है। क्यों? इसलिए कि लोग केवल बुद्धिवादी होकर रह गए हैं। भावना का परित्याग कर दि...

क्या गांवों की ओर चलें, क्योंकि दिल्ली-NCR क्षेत्र रहने लायक नहीं रहा

विश्व स्तर पर ग्रामीण इलाकों की तुलना में शहरी क्षेत्रों में अधिक लोग रहते हैं। 2007 में पहली बार इतिहास में वैश्विक शहरी आबादी वैश्विक ग्रामीण जनसंख्या से अधिक हुई और दुनिया की जनसंख्या इसके बाद मुख्य रूप से शहरी बनी हुई है। 21वीं शताब्दी के शहरी इलाकों का प्रबंधन सबसे महत्वपूर्ण विकास चुनौतियों में से एक बन गया है। निरंतर शहरों के निर्माण में हमारी सफलता या विफलता 2015 के बाद के संयुक्त राष्ट्र विकास एजेंडे की सफलता में एक प्रमुख कारक होगी। विश्व की 54 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहती है इस शताब्दी में चार मेगा ट्रेंड उभरे हैं, शहरीकरण उनमें से एक है। आज विश्व की 54 प्रतिशत जनसंख्या शहरी क्षेत्रों में रहती है जो 2050 तक बढ़कर 66 प्रतिशत हो जाने की संभावना है। हालांकि 2030 तक इसके 60 प्रतिशत तक पहुंचने की उम्मीद है। दूसरे शब्दों में कहें तो 2050 तक शहरी क्षेत्रों में रहने के लिए अतिरिक्त 2.5 अरब लोगों की भविष्यवाणी की गई है। शीर्ष 600 शहरी केंद्रों की वैश्विक जीडीपी में लगभग 60 प्रतिशत हिस्सेदारी है। करीब एक अरब लोग मलिन बस्तियों में रहते हैं जो कि हमारी वैश्विक आबादी का ...