Skip to main content

Posts

Showing posts from December 10, 2014
१९७१: लोंगेवाला पोस्ट पर २००० पाकिस्तानी सैनिकों पर भारी पड़े थे १२० भारतीय जवान इसी सत्य घटना पर बनी थी १९९७ की राष्ट्रभक्ती जनागे वाली ‘बॉर्डर’ फिल्म पढिएं भारतीय सेना के शौर्य की रोचक गाथा @ http://www.hindujagruti.org/hindi/news/14023.html
√.तीन चीजों को कभी छोटी ना समझे - बीमारी, कर्जा, शत्रु। →→→←←←←→→→←←← •√.तीनों चीजों को हमेशा वश में रखो - मन, काम और लोभ। →→→←←←←→→→←←← •√.तीन चीज़ें निकलने पर वापिस नहीं आती - तीर कमान से, बात जुबान से और प्राण शरीर से। →→→←←←←→→→←←← •√.तीन चीज़ें कमज़ोर बना देती है - बदचलनी, क्रोध और लालच। →→→←←←←→→→←←← •√.तीन चीज़े असल उद्धेश्य से रोकता हैं - बदचलनी, क्रोध और लालच। →→→←←←←→→→←←← •√.तीन चीज़ें कोई चुरा नहीं सकता - अकल, चरित्र, हुनर। √.तीन चीजों में मन लगाने से उन्नति होती है - ईश्वर, परिश्रम और विद्या। →→→←←←←→→→←←← •√.तीन व्यक्ति वक़्त पर पहचाने जाते हैं - स्त्री, भाई, दोस्त। →→→←←←←→→→←←← •√.तीनों व्यक्ति का सम्मान करो - माता, पिता और गुरु। →→→←←←←→→→←←← •√.तीनों व्यक्ति पर सदा दया करो - बालक, भूखे औरपागल। →→→←←←←→→→←←← •√.तीन चीज़े कभी नहीं भूलनी चाहिए - कर्ज़, मर्ज़ और फर्ज़। →→→←←←←→→→←←← •√.तीन बातें कभी मत भूलें - उपकार, उपदेश और उदारता। •√.तीन चीज़े याद रखना ज़रुरी हैं - सच्चाई, कर्तव्य और मृत्यु। →→→←←←←→→→←←← •√.तीन बातें चरित्र को गिरा देती हैं - चोरी, निंदा और झूठ। →→→←...

किसी भी शुभ कार्य करने के लिए किसी मुहूर्त की जरूरत नही होती

प्रकृति कभी किसी काम को करने के लिए किसी शुभ मुहूर्त का इंतजार नही करती ... इस ब्रम्हांड के दो पवित्र कार्य है जन्म और मृत्यु ..इन्ही पर ही इस धरती पर जीवन चलता है .. और जन्म और मृत्यु कभी किसी मुहूर्त का इंतजार नही करता ... जीव कभी भी मर सकता है और कभी भी पैदा हो सकता है ... फिर जब पृकृति किसी शुभमुहूर्त के इंतजार नही करती तो हम इन्सान किसी मुहूर्त का इंतजार क्यों करे ???? जब एपीजे अबुलकलाम राष्ट्रपति चुने गये थे तब पत्रकारों ने उनसे पूछा की आप किस मुहर्त में शपथ लेंगे ? कला म साहब ने जबाब दिया -- एक दिन में चौबीस घंटे होते है ... और ३६५ दिनों का एक साल होता है ... धरती सूर्य के चारो तरफ घुमती रहती है .. चन्द्रमा पृथ्वी के चारो तरफ घूमता रहता है ... इसी से धरती पर दिन और रात होते है .. आप मुझे कोई ऐसा पल बता दीजिये जो दुसरे पल से अलग होता हो ?? मित्रो .. किसी भी शुभ कार्य करने के लिए किसी मुहूर्त की जरूरत नही होती .. बस आपके इरादे नेक और दृढ होने चाहिए

वो थे पापा

आपसे अनुरोध है कि पूरा और जरूर पढ़े। धन्यवाद जब मम्मी डाँट रहीं थी तो कोई चुपके से हँसा रहा था, वो थे पापा. . . . जब मैं सो रही थी तब कोई चुपके से सिर पर हाथ फिरा रहा था , वो थे पापा. . . . जब मैं सुबह उठी तो कोई बहुत थक कर भी काम पर जा रहा था , वो थे पापा. . . . खुद कड़ी धूप में रह कर कोई मुझे एसी में सुला रहा था , वो थे पापा. . . . सपने तो मेरे थे पर उन्हें पूरा करने का रास्ता कोई और बताऐ जा रहा था , वो थे पापा. . . . मैं तो सिर्फ अपनी खुशियों में हँसती हूँ पर मेरी हँसी देखकर कोई अपने गम भुलाऐ जा रहा था , वो थे पापा. . . . फल खाने की ज्यादा जरूरत तो उन्हें है पर कोई मुझे सेब खिलाऐ जा रहा था , वो थे पापा. . . . खुश तो मुझे होना चाहिऐ कि वो मुझे मिले , पर मेरे जन्म लेने की खुशी कोई और मनाऐ जा रहा था , वो थे पापा. . . . ये दुनिया पैसों से चलती है पर कोई सिर्फ मेरे लिऐ पैसे कमाऐ जा रहा था , वो थे पापा. . . . घर में सब अपना प्यार दिखाते हैं पर कोई बिना दिखाऐ भी इतना  ‪#‎ प्यार‬  किऐ जा रहा था , वो थे पापा. . . . पेड़ तो अपना फल खा नही सकते इसलिऐ हमें देते हैं...पर कोई अपना पेट ख...

निब पेन

उस स्कूली दौर में निब पेन का चलन जोरो पे था, तब कैमल और चेलपार्क की स्याही प्रायः हर घरो में मिल ही जाती थी और जिन्होंने भी पेन में स्याही डाली होगी वो ड्रॉपर के महत्व से भली भांति परिचित होंगे, तब महीने में दो- तीन बार निब पेन को गरम पानी में डालकर उसकी सर्विसिंग भी की जाती थी, तब लगभग सभी को लगता था की निब को उल्टा कर के लिखने से हैंडराइटिंग बड़ी सुन्दर बनती है, और हर क्लास में एक ऐसा एक्सपर्ट होता था जो लड़कियों की पेन ठीक से नहीं चलने पे ब्लेड लेकर निब के बीच वाले हिस्से में बारिकी से कचरा निकालने का दावा करके अपना भौकाल टाइट कर लेता था, दुकान में नयी निब खरीदने से पहले उसे पेन में लगाकर सेट करना फिर कागज़ में स्याही की कुछ बूंदे छिड़क कर निब उन गिरी हुयी स्याही की बूंदो पे लगाकर निब की स्याही सोखने की क्षमता नापना ही किसी बड़े साइंटिस्ट वाली फीलिंग दे जाता था, निब पेन कभी ना चले तो हम में से सभी ने हाथ से झटका के देखने के चक्कर में आजू बाजू वालो पे स्याही जरूर छिड़कायी होगी, कुछ बच्चे ऐसे भी होते थे जो पढ़ते लिखते तो कुछ नहीं थे लेकिन घर जाने से पहले उंगलियो में स्याही जरूर लगा लेते थे,...

बिग बॉस सीरियल देखने वालों को अपने शौक का अंदाजा लगा लेना चाहिये

सलमान (सोनाली से): भारत के राष्ट्रपति कौन हैं ? सोनाली : मैं जानती थी। भूल गई। सलमान (करिश्मा से) : करिश्मा... करिश्मा : नरेंद्र मोदी (गलत जवाब। हालांकि, घर वालों के शोर मचाने के बाद उन्हें समझ आ गया कि नरेंद्र मोदी तो प्रधानमंत्री हैं।) सलमान (डिआंड्रा से) : झारखंड की राजधानी क्या है? डिआंड्रा : झारखंड की कोई राजधानी नहीं है। (गलत जवाब) (सलमान ने यही सवाल सोनाली, करिश्मा, डिंपी और प्रणीत से भी यही सवाल पूछा, पर कोई जवान नहीं दे सका। प्रणीत के अनुसार, झारखंड की राजधानी झारखंड ही है। बाद में खुद सलमान ने घरवालों को सही जवाब बताया, जो है 'रांची'।) सलमान : दुर्योधन के कितने भाई थे? सोनाली (सोचने के बाद) : चार भाई (और सोनाली इसी क्रम के आगे की गिनती बोलती रहीं, हालांकि सही जवाब नहीं दे सकीं) सलमान (करिश्मा से) : आप बताइए, कितने भाई थे? करिश्मा : अकेले थे। (गलत जवाब) सलमान (डिआंड्रा से) : आप बता सकतीं कितने भाई थे? डिआंड्रा : सर, पहले यह बताइए दुर्योधन कौन था। सलमान (उपेन से) : उपेन, आप बता सकते हैं? उपेन (इशारे से) : एक सलमान (गौतम) से : कितने भाई थे? गौतम : 100 भाई थे (गलत जवाब) ...