आतंक से भी अधिक विकृत होता है झूठ।' - अज्ञात कश्मीर से झूठ ही सामने आते हैं। सभ्य भाषा में आधा सच कहना बेहतर होगा। ताजे आधे सच डरावने हैं। पहला है 16 वर्षीय फरदीन का। उसने सेंट्रल रिजर्व पोलिस फोर्स(सीआरपीएफ) कैम्प पर आत्मघाती हमला किया। पांच जवान शहीद। और भारी चर्चा में आ गया। कि कश्मीर में "होमग्रोन" टेरर बढ़ गया है। बच्चे-युवा इस्लाम को खतरे में देख, बम बांधकर खुद मरने और मारने को तत्पर हो रहे हैं। सेना व अर्धसैनिक बलों के "अत्याचार" के विरूद्ध नौजवान खड़े हो रहे हैं। दूसरा सच है- आतंक को फलने-फूलने, फैलाने के लिए पैसा लगाने वालों के खिलाफ चार्जशीट। टेरर फंडिंग की इस कानूनी कार्रवाई में पाकिस्तान और उससे पैसे लेकर आतंक चलाने वाले हाफिज सईद और सैयद सलाउद्दीन नामक दो अपराधियों के नाम हैं। साथ ही कश्मीरी अलगाववादी हुर्रियत के कई नेताओं के। दोनों आधे सच, वास्तव में एक-दूजे से जुड़े हुए हैं। और मिलाकर पूरा, बड़ा झूठ सामने लाते हैं। देखिए, कैसे? पहले फरदीन या 16-18 की उम्र के कश्मीरियों के अातंक के प्रति बढ़ते रुझान का सच। फरदीन मोहम्मद खंडे चर्चा में इसल...