Skip to main content

Posts

Showing posts from January 6, 2015

लकड़ी का कटोरा

एक वृद्ध व्यक्ति अपने बहु – बेटे के यहाँ शहर रहने गया . उम्र के इस पड़ाव पर वह अत्यंत कमजोर हो चुका था , उसके हाथ कांपते थे और दिखाई भी कम देता था . वो एक छोटे से घर में रहते थे , पूरा परिवार और उसका चार वर्षीया पोता एक साथ डिनर टेबल पर खाना खाते थे . लेकिन वृद्ध होने के कारण उस व्यक्ति को खाने में बड़ी दिक्कत होती थी . कभी मटर के दाने उसकी चम्मच से निकल कर फर्श पे बिखर जाते तो कभी हाँथ से  दूध छलक कर मेजपोश पर गिर जाता . बहु -बेटे एक -दो दिन ये सब सहन करते रहे पर अब उन्हें अपने पिता की इस काम से चिढ होने लगी . “ हमें इनका कुछ करना पड़ेगा ”, लड़के ने कहा . बहु ने भी हाँ में हाँ मिलाई और बोली ,” आखिर कब तक हम इनकी वजह से अपने खाने का मजा किरकिरा रहेंगे , और हम इस तरह चीजों का नुक्सान होते हुए भी नहीं देख सकते .” अगले दिन जब खाने का वक़्त हुआ तो बेटे ने एक पुरानी मेज को कमरे के कोने में लगा दिया , अब बूढ़े पिता को वहीँ अकेले बैठ कर अपना भोजन करना था . यहाँ तक की उनके खाने के बर्तनों की जगह एक लकड़ी का कटोरा दे दिया गया था , ताकि अब और बर्तन ना टूट -फूट सकें . बाकी लोग पहले की ...

बाड़े की कील

बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक लड़का रहता था. वह बहुत ही गुस्सैल था, छोटी-छोटी बात पर अपना आप खो बैठता और लोगों को भला-बुरा कह देता. उसकी इस आदत से परेशान होकर एक दिन उसके पिता ने उसे कीलों से भरा हुआ एक थैला दिया और कहा कि , ” अब जब भी तुम्हे गुस्सा आये तो तुम इस थैले में से एक कील निकालना और बाड़े में ठोक देना.” पहले दिन उस लड़के को चालीस बार गुस्सा किया और इतनी ही कीलें बाड़े में ठोंक दी.पर धीरे-धीरे कीलों की संख्या घटने लगी,उसे लगने लगा की कीलें  ठोंकने में इतनी मेहनत करने से अच्छा है कि अपने क्रोध पर काबू किया जाए और अगले कुछ हफ्तों में उसने अपने गुस्से पर बहुत हद्द तक काबू करना सीख लिया. और फिर एक दिन ऐसा आया कि उस लड़के ने पूरे दिन में एक बार भी अपना आपा नही खोया जब उसने अपने पिता को ये बात बताई तो उन्होंने ने फिर उसे एक काम दे दिया, उन्होंने कहा कि ,” अब हर उस दिन जिस दिन तुम एक बार भी गुस्सा ना करो इस बाड़े से एक कील निकाल निकाल देना.” लड़के ने ऐसा ही किया, और बहुत समय बाद वो दिन भी आ गया जब लड़के ने बाड़े में लगी आखिरी कील भी निकाल दी, और अपने पिता को ख़...

केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा

केरल से करगिल घाटी तक गौहाटी से चौपाटी तक सारा देश हमारा जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा – केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा, जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा – केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा, घायल अपना ताजमहल है, घायल गंगा मैया टूट रहे हैं तूफ़ानों में नैया और खिवैया तुम नैया के पाल बदल दो तूफ़ानों की चाल बदल दो हर आँधी का उत्तर हो तुम, तुमने नहीं विचारा जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा – केरल से करगिल घाटी तक सार ा देश हमारा, कहीं तुम्हें परबत लड़वा दे, कहीं लड़ा दे पानी भाषा के नारों में गुप्त है, मन की मीठी बानी आग लगा दो इन नारों में इज़्ज़त आ गई बाज़ारों में कब जागेंगे सोये सूरज! कब होगा उजियारा जीना हो तो मरना सीखो, गूँज उठे यह नारा – केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा संकट अपना बाल सखा है, इसको कठ लगाओ क्या बैठे हो न्यारे-न्यारे मिल कर बोझ उठाओ भाग्य भरोसा कायरता है कर्मठ देश कहाँ मरता है? सोचो तुमने इतने दिन में कितनी बार हुँकारा जीना हो तो मरना सीखो गूँज उठे यह नारा केरल से करगिल घाटी तक सारा देश हमारा

कांग्रेस के हिसाब से आतंकी नहीं थे बोट में, स्मगलर्स थे !!

बेचारे.. मासूम! भारत के लिए तोहफे में अमन के कबूतर लेकर पाकिस्तान से चले होंगे ? वहीं दिमागी दिवालियेपन की दौड़ में सबको पछाड़ते हुए 'पत्रकार' प्रवीण स्वामी अपने 'गुप्त सूत्रों' के हवाले से बोट के अस्तित्व को ही ख़ारिज कर चुके हैं !!! (हालांकि प्रवीण के ये 'सूत्र' इतने गुप्त हैं कि उन्हें खुद ही इन सूत्रों का कोई अता-पता नहीं है !) हो सकता है कि कल को हमारे (अ)प्रिय राजकुमार हीरानी-आमिर खान अपनी लिजलिजी भावुकता के ड्रम उ लटते हुए यह बताएं कि उस बोट में कोई सलोना 'सर्फराज़', अंधविश्वासी और धूर्त भारतीयों की गिरफ्त में फंसी अपनी जग्गू को छुड़ाने आ रहा था और भारत के 'सांप्रदायिक' तट रक्षकों ने उसे बेरहमी से ख़त्म कर डाला !!! और मैं हैरान हूँ. आखिर अपने छटांक भर दिमाग में बेशर्मी का अंतहीन भंडार कैसे जमा कर लेते हैं ये लोग??

शंका- क्या हनुमान जी उड़ कर समुद्र पार कर लंका में गये थे?

समाधान- हनुमान जी के विषय में यह भ्रान्ति अनेक बार सामने आती है कि वह उड़ कर समुद्र कैसे पार कर गए क्यूंकि मनुष्य द्वारा उड़ना संभव नहीं है। सत्य यह है कि हनुमान जी ने उड़ कर नहीं अपितु तैर कर समुद्र को पार किया था। रामायण में किष्किन्धा कांड के अंत में यह विवरण स्पष्ट रूप से दिया गया है। सम्पाती के वचन सुनकर अंगदादि सब वीर समुद्र के तट पर पहुँचे तो समुद्र के वेग और बल को देखकर सबके मन खिन्न हो गये। अंगद ने सौ योजन के सम ुद्र को पार करने का आवाहन किया। युवराज अंगद के सन्देश को सुनकर वानरों ने 100 योजन के समुद्र को पार करने में असमर्थता दिखाई। तब अंगद ने कहा कि मैं 100 योजन तैरने में समर्थ हूँ पर वापिस आने कि मुझमे शक्ति नहीं है। तब जाम्बवान ने कहा आप हमारे स्वामी है आपको हम जाने नहीं देंगे। इस पर अंगद ने कहा यदि मैं न जाऊँ और न कोई और पुरुष जाये तो फिर हम सबको मर जाना ही अच्छा है। क्यूंकि कार्य किये बिना, सुग्रीव के राज्य में जाना भी मरना ही है। अंगद के इस साहस भरे वाक्य को सुनकर जाम्बवान बोले-राजन मैं अभी उस वीर को प्रेरणा देता हूँ, जो इस कार्य को सिद्ध करने में सक्षम है। इसके पश्चात ह...

क्या किसी मीडिया ने बताई? हमे मालुम है नही बताई है इसलिए मीडिया को हम चूतिया कहते है।

भारत घूमने आई जापानी लड़की को जिहादीयोंद्वारा २० दिन तक बंधक बनाकर गैंगरेप, तीन गिरफ्तार गया/ पटना - भारत घूमने आई एक 22 वर्षीय लड़की को 20 दिन तक बंधक बनाकर उसके साथ गैंगरेप करने का मामला सामने आया है। पीड़ित लड़की ने किसी तरह आरोपियों के चंगुल से निकलकर पुलिस को सूचना दी। कोलकता पुलिस ने उसकी निशानदेही पर बिहार आकर तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। जापानी लड़की कोलकाता घूमने आई थी। 21 नवंबर को कोलकता के न्यू मार्केट में उसकी मोहम्मद शब्बीर, जावेद खान,साजिद खान समेत पांच आरोपियों से मुलाकात हुई। आरोपियों ने खुद को गाइड बताया। इनमें दोस्ती हो गई, जिसके बाद वे सभी गया घूमने के लिए आए। लड़की का आरोप है कि उसे गया के तारो गांव में 1 से 20 दिसंबर तक बंधक बनाकर रखा गया और उसके साथ गैंगरेप किया गया। बाद में जब उसकी तबीयत बिगड़ने लगी तो आरोपियों ने पहले गांव के डॉक्टरों से ही उसका इलाज कराया, लेकिन फायदा न होने पर गया के एक डॉक्टर के पास ले गए। यहां से लड़की इनके चंगुल से निकलने में कामयाब हो गई। लड़की पहले बनारस और फिर कोलकाता पहुंची। यहां उसने 26 दिसम्बर को मामला दर्ज कराया।लड़की का यह ...

प्राचीन विज्ञान कितना सहि कितना झुट ?

प्राचीन विज्ञान कितना सहि कितना झुट ? इस वक़्त मैं एक चैनल देख रहा हु। चैनल यह सवाल पुछ रहा है।  मुझे समज नही आता हम अपने प्रतीभासंपन्न पुरखो पर क्यो सवाल उठा रहे है। जब पुरी दुनिया हमारे सभ्यता और विज्ञान को सम्मान देती है तभ भी हम क्यो ग़ुलाम और पराजित मानसिकता नही छोडते। सत्य क्यो नही स्वीकार करत ? हवाई जहाज़ से लेकर तमाम शोध हमारे यहाँ सबसे पहले हुये थे। हम आज उसे फँन्टेसी कैसे कह सकते है? ऐसा कहना उन महान आत्माओं का अपमान नही क्या ? पश्चिम का सब सहि और हमारा सब ग़लत यह भ ाव क्यो फैलाया जा रहा है? मुझे तो लगता है भारत और भारतीयता पर सवाल उठाने वाले कुच दिनों बात कुछ लोग ऐसे भी आगे आयेंगे जो कहेंगे उनका डीएनए ब्रिटन का है! और वह लोग बड़े गौरव से दावा भी करेंगे कि उनके किसी दादी- परदादी पर किसे अंग्रेज़ ने बलात्कार किया था, उससे उनकी नस्ल प्रगत हुई है !! इसी लिये सुदर्शन पर जल्दी सुरू कर रहे है "इतिहास कि सच्चाई":-  ‪#‎ सुरेश_चव्हाणके‬ , ‪#‎ सुदर्शन_न्यूज़‬

काश दुनिया में इस्लाम न होता ।

काश दुनिया में इस्लाम न होता । मेरा अल्लाह यों बदनाम न होता । न लुटती इज्जत , न मरते बच्चे । न शान्ति के नाम पे कत्लेआम होता । काश दुनिया में इस्लाम न होता । न भय होता , न आतंकवाद होता । न स्त्रियों केलिए तुगलकी फरमान होता । काश दुनिया में इस्लाम न होता । मर्द औरत का दर्जा एक समान होता । न खुदा के नाम पर पशु कुर्बान होता । काश दुनिया में इस्लाम न होता । न होते माँ भारती के इतने टुकड़े । न हिन्दोस्तान न ही पाकिस्तान होता । खुशियों से भरा ये सारा जहान होता । काश दुनिया में मुसलमान न होता

देश को गांधी ने नहीं, सुभाष चंद्र बोस ने दिलाई थी आजादी.....●

1948 में ब्रिटेन के तत्कालीन प्रधानमंत्री एटली  ने भी यह स्वीकारा कि भारत से ब्रिटेन के हटने  की वजह गांधी नहीं, सुभाष चंद्र बोस थे. जिनकी वजह से ब्रिटिश नौ सेना में मौजूद भारतीय सैनिकों ने विद्रोह कर दिया था। ब्रिटिश सेनामें मौजूद 25 लाख भारतीय सैनिक सुभाष चंद्र बोस के 'तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आजादी दूंगा'' के आहवान पर अपनी जानकी बाजी लगाने को तैयार थे। "जर्नल G.D Bakshi",को सुने Watch "Major General (Retd) GD Bakshi's Speech on YouTube - https://www.youtube.com/watch… (43:00मिनट का है 27वे मिनट से 32 वे मिनट के बिच)और "राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोवाल"को सुने ...... https://www.youtube.com/watch?v=SKpl7v_c-Qo आप लोगों ने कभी यह सोचा कि आखिर क्या वजह थी कि सुभाष चंद्रबोस को इतिहास से गायब कर दिया गया?? नेहरू-गांधी-ब्रिटिशकी तिकड़ी ने देश को सही मायने में आजादी दिलाने वाले इस सच्चे देशभक्त को हमारी नजर से ओझल कर दिया। कांग्रेस अध्यक्ष पद के चुनाव में जब सुभाष के खिलाफ गांधी ने पटटाभिसितारमैया को खड़ा किया, उसी वक्त स्पष्ट हो गया कि आजाद...

कश्मीरी पंडित... एक ऐसा दर्दनाक सत्यजो देश के अधिकतर लोगो को पता नहीं है।

आप सभी ने सुना होगा कश्मीरी पंडितो के बारे में। हम सभी ने सुना है की हाँ कुछ तो हुआ था कश्मीरी पंडितो के साथ। लेकिन क्या हुआ था क्यों हुआ था ......यह ठीक से पता नहीं है। यहाँ यह बताया जा रहा है कि क्या हुआ था कश्मीर में और क्या हुआ था कश्मीरी पंडितो के साथ। पार्ट 1: कश्मीर का खुनी इतिहास कश्मीर का नाम कश्यप ऋषि के नाम पर पड़ा था। कश्मीर के मूल निवासी सारे हिन्दू थे। कश्मीरी पंडितो की संस्कृति 5000 साल पुरानी है और वो कश्मीर के मूल निवासी हैं। इसलिए अगर कोई कहता है की भारत ने कश्मीर पर कब्ज़ा कर लिया है यह बिलकुल गलत है। 14वीं शताब्दी में तुर्किस्तान से आये एक क्रूर आतंकी मुस्लिम दुलुचा ने 60,000 लोगो की सेना के साथ कश्मीर में आक्रमण किया और कश्मीर में मुस्लिम साम्राज्य की स्थापना की। दुलुचा ने नगरों और गाँव को नष्ट कर दिया और हजारों हिन्दुओ का नरसंघार किया। बहुत सारे हिन्दुओ को जबरदस्ती मुस्लिम बनाया गया। बहुत सारे हिन्दुओ ने जो इस्लाम नहीं कबूल करना चाहते थे, उन्होंने जहर खाकर आत्महत्या कर ली और बाकि भाग गए या क़त्ल कर दिए गए या इस्लाम कबूल करवा लिए गए। आज जो भी कश्मीरी मुस्लिम है...
अल्लाह के नाम पर यौनांग कटवाना - खतना ...क्या अन्धविश्वास नही है ? . मुर्दों के लिए कई कई एकड जमीन कब्र खोद कर बर्बाद करना अंधविश्वास नहीं है.. . अल्लाह के नाम पर निर्दोषो का आतन्कियो द्वारा कत्लेआम....अंधविश्वास नहीं है.. . मजार पे चादर चढावा देना ...... अंधविश्वास नहीं है.. . ईद, बकरीद पे बेजुबानो का बेदर्दी से गला घोटना, ये कहते हुये कि जितने आहिस्ते से काटोगे अल्लाह उतना ही प्रसन्न होगा ..... ये अन्धविश्वास नहीं है.. . बुआ , मौसी, चाची, बहू के साथ ही जबरन सेक्स करके उसके साथ निकाह कर लेना ....ये अन्धविश्वास नहीं है.. . बच्चियो को शिक्षा पर प्रतिबन्ध लगाना .....अन्धविश्वास नहीं है.. . पिछवाडा उठा कर, जोर जोर से अल्लाह हु अकबर चिल्लाना ( क्या तुम्हारे अल्लाह बेहरा है, जो उसे जोर से हुकार भर के चिल्लाते हो) ... .. अंधविश्वास नहीं है। . आमिर खान लिस्ट मेरे पास बहुत बडी है, दोगले जबाब दे.. . क्या मूर्ति पूजा, दूध चढाना ही अन्धविश्वास है और ऊपर दिया गया ये सब वैज्ञानिक विश्वास है ....? कान खोलकर सुन लें, तेरी और तेरे इस्लाम को जुते मार रही है तेरी अपनी कुरान और हदिश, ताजा उदाहरण इरा...

सरपंच जी की कहानी"

एक दिन सरपंच साहब को जाने क्या सूझी कि चल पड़े स्कूल की ओर। यह जानने कि गांव के बच्चों का आईक्यू कैसा'क है। स्कूल पहुंचे तो एक भी अध्यापक कक्षा में नहीं। घंटी के पास उनींदे से बैठे चपरासी से जब पूछा सारे मास्टर कहां गए तो पता चला कि पशुगणना में ड्यूटी लगाने के विरोध में कलेक्टरजी को ज्ञापन देने शहर गए हैं। सरपंचजी ने सातवीं कक्षा के एक बच्चे से पूछा "बताओ शिव का धनुष किसने तोड़ा।" जवाब आया " सरपंचसा! कक्षा में सबसे सीधा छात्र मैं हूं, मैंने तो नहीं तोड़ा। हां चिंटू सबसे बदमाश है, उसी ने तोड़ा होगा। वह आज छुट्टी पर भी है। शायद धनुष टूट जाने के डर से नहीं आया हो।" सरपंचजी ने माथा पीट लिया और वापस लौट गए। शिक्षक लौटे तो चपरासी बोला "सरपंचजी आए थे और बच्चों को कुछ पूछ रहे थे और गए भी भनभनाते हुए हैं।" प्रधानाध्यापक महोदय का पानी पतला हुआ। कक्षा में आए और पूछा "सरपंचजी क्या कह रहे थे।" बच्चों ने सारी बात बता दी। अब प्रधानाध्यापकजीने बच्चों से पूछा "बच्चों किसी से गलती से धनुष टूट गया तो कोई बात नहीं। केवल यह बता दो धनुष तोड़ा किसने।" बच...