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Showing posts from December 18, 2017

शिक्षक

दोस्तों, हमारे यहाँ गुरु का स्थान बहुत बड़ा है। परन्तु गुरु ही अपने कर्तव्य से भटक जाये तो क्या समाज का निर्माण हो पायेगा? शिक्षक को माँ-बाप अपने बेटा-बेटी को सौंप देते हैं, इस उम्मीद में कि ये हमारे बच्चे को नैतिक व्यवहार करना सिखाएंगे परन्तु जब वो शिक्षक खुद ही अनैतिक कार्यों में लिप्त तो ? वैसे किसी भी इंसान या यूँ कहे प्राणी की पहली गुरु उसकी माता होती है। दोस्तों किसी भी देश का निर्माण उस देश के शिक्षकों के हाथ में होता है। यदि शिक्षक अपने नैतिक मूल्यों से भटक जायेगा तो राष्ट्र का पतन निश्चित है और यदि शिक्षक अपने कर्तव्य का निर्वहन पूर्ण निष्ठा के साथ कर रहा है तो उस राष्ट्र के निर्माण को कोई नहीं रोक सकता। भूत काल में अनेकों ऐसे शिक्षक हुए हैं जिन्होंने अपने नैतिक मूल्यों से अपने शिष्य महान बनाया है।  जैसे आचार्य चाणक्य, माता जीजा बाई आदि। आज कल जयादातर शिक्षक अपने कर्तव्य से बहक गए हैं। आपने देखा होगा सरकारी विद्यालय किस हाल में हैं ? सरकार से बराबर अनुदान प्राप्त होने के बावजूद भी जयादातर विद्यालय दयनीय हालत में हैं। इसका जिम्मेदार कौन है ? क्या वो सरकार जिसने अनुदान द...