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Showing posts from December, 2014

मध्यमार्गी मुस्लिम की मुश्किल

इस्लामी कट्‌टरपंथी गुटों की ओर से हाल में हुए बर्बर, अमानवीय हमलों ने दुनिया को हिला दिया है। भयभीत विश्व जब कारणों की पड़ताल कर समाधान खोजने का प्रयास कर रहा है, तो कई लेख सामने आए हैं। कई लोग ‘मध्यमार्गी मुस्लिमों’ की भूमिका पर जोर देते हैं। मुस्लिमों का वह शिक्षित व आधुनिक तबका, जिसने चुप्पी साध रखी है या इस सबमें ज्यादा मुखरता से सामने नहीं आया है। हालांकि, यह इतना आसान नहीं है। समाधान की तलाश में यह महत्वपूर्ण है कि किसी वर्ग को दोष नहीं दिया जाए। पहला कदम तो मध्यमार्गी मुस्लिम के दृष्टिकोण को समझना।    जरा सोचें। आप किसी धर्म और उसके पवित्र ग्रंथों को सम्मान देते हुए पले-बढ़े हैं। रीतियों व परंपराओं के साथ आपको बहुत-से सकारात्मक मूल्यों को स्वीकार करना होता है। यदि पूछा जाए कि आपका धर्म आपको क्या सिखाता है? करुणा, ईमानदारी, नम्रता, प्रेम, सत्यनिष्ठा, उदारता ऐसी कुछ बातें आपके मन में आती हैं। आप तार् किक  और वैज्ञानिक सोच के व्यक्ति हैं और इसके बाद भी धर्म को अपने जीवन में महत्वपूर्ण स्थान देते हैं, क्योंकि यही तो आपको मानवता सिखाता है, बेहतर व्यक्ति बनाता है और ...

1, 2, 5 रुपए के सिक्कों की पहचान से जुड़ा है एक राज, नहीं जानते होंगे आप

हर सिक्का कुछ कहता है...   1, 2, 5 और 10 रुपए के सिक्कों से हमारा वास्ता रोज ही पड़ता है। लेकिन, इस सिक्के पर लिखी हर बात और बने हर चिन्ह का एक मतलब होता है, जिससे आधा से ज्यादा देश अंजान है।   इन सिक्कों को लेकर क्या आपने कभी इस बात पर गौर किया है कि इनमें बने खास चिन्ह क्या असलियत बताते हैं। अगर नहीं तो जनाब. सिक्कों पर बने विशेष चिन्ह ये दर्शाते हैं कि आखिर वह आया कहां से है।   अब आप सोच रहे होंगे कि ये कौन से चिन्ह की हम बात कर रहे हैं जो इतना कुछ बता देता है और आपको इसके बारे में कुछ पता ही नहीं। तो अब आप अपने सिक्के पर गौर कीजिए और हम बताते हैं कि सिक्के कैसे बयां करता है कि वह कहां से आएं हैं।  भारत में हैं चार मिंट   आपको बता दें कि भारत में चार मिंट (टकसाल) हैं जिनके पास सिक्के बनाने का अधिकार है। ये हैं मुंबई मिंट, कलकत्ता मिंट,  हैदर ाबाद मिंट और नोएडा मिंट। यहीं से निकलकर सिक्के मार्केट में आ जाते हैं। देश के सबसे पुराने मिंट में कलकत्ता और मुंबई मिंट हैं। दोनों को साल 1859 में अंग्रेजी हुकूमत ने स्थापित किया था।  ...

Happy New Year 2015 💥बोलने वालों के लिए एक संदेश !

- क्या आपको पता है कि 31 दिसम्बर की रात को कितनी टनों दारू शराब और नशीली वस्तुएँ बिकती हैं ।  - क्या आपको पता है कि लाखों निर्दोष बकरों, सूअरों, और गायों जैसे निरीह मूक प्राणियों की हत्या हो जाती है इस दिन ।  - क्या आपको पता है कि 31 दिसम्बर की रात को कितनी सैक्स वर्धक दवाईयाँ, कंडोम्स और गर्भनिरोधक गोलियाँ बिकती हैं । - क्या आपको पता है कि कितने करोडों अरबों रूपये इस दिन पानी की तरह बहा दिये जाते हैं पब और डिस्को में... पूरे साल भर में जितना आँकडा आप सोच भी नहीं सकते हो उतना एक 31 दिसम्बर की रात अर्थात नये साल में खर्च कर दिया जाता है । बडे शर्म की बात है ! आज शहीद भगतसिंह, चंद्रशेखर आजाद, खुदीराम बोस, वीर सावरकर जैसे वीर शहीद सोचते होंगे कि हमने इस दिन के लिए अपनी कुर्बानी दी थी कि ऐसा घिनौना मनाया जाये भारत का नववर्ष । मैं जानता हूँ मेरी ये बात कडवी जरूर है पर सच है की हमारी गुलामी आज भी गयी नहीं है । पहले तन से गुलाम थे आज मन से गुलाम है .... । पहले वो हमें गुलाम बनाते थे, अब हम घुटने टेककर नशेडीयों की तरह उनसे भीख माँग रहे हैं हमें गुलाम बनाने की थूँ..... 💥धिक्कार है ऐस...

New Year

मेरी दोनो हाथ जोडकर..सभी को..विनम्र..सादर..निवेदन है.. प्रार्थना है की..हम विश्व में.. हिन्दूराष्ट्र भारत के..हिन्दू ही है..! हमारी सांस्कृत्तिक विरासत.. धरोहर..परंपरा..हिन्दू ही है..! ३१ डीसेम्बर..१जनवरी..थर्टी फ्रस्ट..हेपी न्यु यर से.. हमारा कोई रीस्ता-नाता नही है..!यह विदेशी..पाश्चयात त्यौहार है.. जीन अंग्रेज लोगो ने हमे १७५७ से १९४७ तक..२९० वर्ष तक.. लूँटा..मारा..जेल..यातना.. फाँसी..गोली दी..हमारा ईतिहास..भूगोल तक बदल डाला.. धर्मांतरण कीया..शोषण कीया..गुलाम रखा.. उन्होंक ा ही यह मायाजाल है सब..!उसमें कभी भी न फँसे..! सावधान..! हम सब कैसे लोग है?चचेरा भाई जो हम से थोडा ज्यादा लेले तो.. हाईकोर्ट तक जाते है..पूरी जींदगी तक संबंध नही रखते है..!और यहाँ.. विदेशी-देशी मीडिया..फिल्मी नर्तक.. नर्तकीओं के चक्कर में आकर.. माहोल में मोहांध होकर..अपना स्वाभिमान..ज्ञान..बुद्धि खोकर.. हम कायम सदगुण विकृति के.. शिकार हो जाते है..! उदार.. विशाल..महान हो जाते है..! क्या ईन्गलेन्ड.. अमेरिका के..आम अंग्रेज- ख्रीस्ती समाजने कभी हमारी दिपावली..नूतनवर्ष मनाया है..? यह सब विश्व के नग्न सत्य है..जो भोले- ...
पाण्डव पाँच भाई थे जिनके नाम हैं - 1. युधिष्ठिर 2. भीम 3. अर्जुन 4. नकुल 5. सहदेव ( इन पांचों के अलावा , महाबली कर्ण भी कुंती के ही पुत्र थे , परन्तु उनकी गिनती पांडवों में नहीं की जाती है ) यहाँ ध्यान रखें कि… पाण्डु के उपरोक्त पाँचों पुत्रों में से युधिष्ठिर, भीम और अर्जुन की माता कुन्ती थीं ……तथा , नकुल और सहदेव की माता माद्री थी । वहीँ …. धृतराष्ट्र और गांधारी के सौ पुत्र….. कौरव कहलाए जिनके नाम हैं - 1. दुर्योधन 2. दुःशासन 3. दुःसह 4. दुःशल 5. जलसंघ 6. सम 7. सह 8. विंद 9. अनुविंद 10. दुर्धर्ष 11. सुबाहु 12. दुषप्रधर्षण 13. दुर्मर्षण 14. दुर्मुख 15. दुष्कर्ण 16. विकर्ण 17. शल 18. सत्वान 19. सुलोचन 20. चित्र 21. उपचित्र 22. चित्राक्ष 23. चारुचित्र 24. शरासन 25. दुर्मद 26. दुर्विगाह 27. विवित्सु 28. विकटानन्द 29. ऊर्णनाभ 30. सुनाभ 31. नन्द 32. उपनन्द 33. चित्रबाण 34. चित्रवर्मा 35. सुवर्मा 36. दुर्विमोचन 37. अयोबाहु 38. महाबाहु 39. चित्रांग 40. चित्रकुण्डल 41. भीमवेग 42. ...

दारा सिंह

बात 1962 की है, जब दारा सिंह के कदम रांची की सरजमीं पर पड़े थे. सिडनी के किंग कांग ने दारा सिंह को कुश्ती लडऩे की चुनौती दी थी. हिन्दुतान के दारा सिंह ने उस 200 किलो के किंग कोंग की चुनौती को स्वीकार कर लिया था.... अब्दुर बारी पार्क में कुश्ती होना तय हुआ और ये कुश्ती होने से पहले ही सनसनी छा गयी .. नवंबर 1962 में दुनियाभर के पहलवान रांची में जुटे थे. उस वक्त सिटी में दारा सिंह की जिन-जिन पहलवानों के साथ कुश्ती हुई, सबमें उन्हें जीत मिली थी. पर, तब स्पेक्टेटर्स को उस पल का बेसब्री से इंतजार था, जब दारा सिंह और किंग कांग की भिड़ंत होती. थोड़े इंतजार के बाद दारा सिंह और किंग कांग अखाड़े पर उतरे. मुकाबले में 200 केजी के किंग कांग के सामने दारा सिंह तो बच्चे लग रहे थे, पर उनका आत्मविश्वास किंग कांग पर भारी पड़ा. दारा सिंह ने किंग कांग को तीन बार पटखनी दे दी. एक बार तो उन्होंने छह फीट लंबे किंग कांग को उठाकर ट्विस्ट करते हुए एरिना से नीचे गिरा दिया था. कुश्ती के दौरान जब-जब दारा सिंह ने किंग कांग को चारों खाने चित किया, तब तब भारी भीड़ ने तालियों से उस स्थान को गूंजा दिया.. नवंबर 1962 में ...

फिल्म PK पर कुछ राजनैतिक प्रतिक्रियाए

1-फिल्म में आमिर खान एलियन बने हैं और भोजपुरी बोली है, इससे एक बात तो साफ़ है कि दुसरे ग्रहों पर सपा सरकार बहुमत में है-- मुलायम सिंह यादव . 2- PK के पास तन ढकने के लिए कपड़े तक नही ये मनुवादी व्यवस्था का परिणाम है हम PK के लिए 51% आरक्षण देंगे और उसको बसपा का पूरा समर्थन है-- मायावती . 3- हिंदू धर्म पर चोट करके PK ने ये साबित कर दिया कि वो भारत के सेक्युलर विचारधारा से प्रभावित हुआ है और सेकूलरिज़्म मे उसकी गहरी आस्था है.. आगामी बिहार चुनाव मे हम इसी सेक्युलर सोच वाए आदमी के साथ चुनाव मे जाएँगे--नीतीश कुमार . 4- PK एक ही फिल्म मे 248 कपड़े बदलता है ये जाँच का विषय है कि एक एलियन के पास इतने सारे कपड़े आए कहाँ से इस पर मोदी सरकार को जवाब देना चाहिए अगर वो जवाब नही देते तो इससे साफ़ हो जाता है दोनो मिले हुए हैं-- श्री केजरीवाल जी

भाई गौरव चौहान की आमिर को समर्पित एक रचना

भाई गौरव चौहान की आमिर को समर्पित एक रचना (पीके फिल्म पर उठे विवाद पर मेरी ताज़ा रचना) रचनाकार- गौरव चौहान ना महंत हूँ न पंडा हूँ,ना ही कोई पुजारी हूँ, निज परम्परा और धरम का ना कोई व्यापारी हूँ, मैं बस एक सनातन धर्मी,थोडा सा झुंझलाया हूँ, आज शाम को आमिर तेरी फिल्म देखकर आया हूँ, सीधे सीधे कुछ सवाल है,ज़रा खोलकर कान सुनो, सुनो हिरानी,सुनो चोपड़ा,प्यारे आमिर खान सुनो, इस दुनिया के हर मज़हब में कहाँ नही कमियां बोलो, और अछूती रीति रिवाजों से है कब दुनिया बोलो, इंसानों के बने बनाये तौर तरीके शामिल हैं, हर मज़हब को अपने किस्से अपने लहजे हासिल हैं, धर्म सनातन आडम्बर है,और कहानी गढ़ लेते, लेकिन चोट मारने से पहले गीता ही पढ़ लेते, आडम्बर ही था दिखलाना,तो कुछ और बड़ा करते, हर मज़हब के आगे,इसका मुद्दा आप खड़ा करते, केवल धर्म सनातन ही क्यों तुमको चुभा बताओ जी, कहाँ नही आडम्बर,कोई मज़हब तो दिखलाओ जी, आडम्बर है यदि शिव जी को दूध चढ़ाना,मान लिया, गौ माता को चारा देना,तिलक लगाना,मान लिया, तो फिर सारी दुनिया आडम्बर है बस आडम्बर है, होली ईद दीवाली वैसाखी क्रिसमस आडम्बर है, लक्ष्मी दुर्गा शिव गणेश गर...

रत्न से ज्यादा बड़े

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और (स्वर्गीय) मदन मोहन मालवीय को भारत रत्न दिए जाने की घोषणा पर शायद ही किसी को आश्चर्य हुआ होगा। जब से बीजेपी अपने दम पर सत्ता में आई है, इन दोनों को यह सरकारी सम्मान दिए जाने की चर्चा किसी न किसी रूप में होती रही है। यही नहीं, जब पार्टी सत्ता से बाहर थी, तब भी इन दोनों को यह सम्मान देने की मांग करती थी। लेकिन जरा गौर से सोचें तो सचिन तेंडुलकर को भारत रत्न मिलने के एक साल बाद यही सम्मान अटल जी और मालवीय जी को दिए जाने का कोई मतलब है? हमारे देश में हरेक राजनीतिक दल के अपने-अपने नायक हैं, जिन्हें सर्वोच्च सम्मान दिलाना ये अपना फर्ज समझते हैं। दरअसल इन आइकन्स के जरिए ये पार्टियां अपने वोट बैंक को संतुष्ट करना चाहती हैं। विपक्ष में रहते हुए ये अपने फायदे वाली जगहों पर उनके नाम की रट लगाती हैं और सत्ता में आने के बाद तुरंत उन्हें सम्मानित करने की कोशिश करती हैं। इस पर विवाद भी होते हैं। हर बार एक तबका निर्णय को लेकर असंतुष्ट रहता है। भारत जैसे विशाल और सांस्कृतिक विविधता वाले देश में सर्वश्रेष्ठ व्यक्तियों का चयन आसान नहीं है। संभव है जिस तबके के पास...

काले शीशे में अमेरिका

अमेरिका के मिसूरी  प्रांत में एक बार फिर गोरे पुलिस ऑफिसर की गोली से एक ब्लैक टीनेजर मारा गया। पुलिस के मुताबिक गोली अफसर को आत्मरक्षा में चलानी पड़ी क्योंकि उस नौजवान ने पुलिसकर्मी पर बंदूक तान दी थी। इस बार भी पुलिस के बयान पर काफी सवाल उठाए जा रहे हैं। खास तौर पर अमेरिका की ब्लैक आबादी में लगातार हो रही इस किस्म की पुलिस कार्रवाइयों को लेकर बहुत गुस्सा है। बीते अगस्त में इसी मिसूरी के फर्ग्युसन शहर में माइकल ब्राउन नाम के एक निहत्थे युवक की एक गोरे पुलिसकर्मी द्वारा हत्या के बाद से अमेरिकी प्रशासन तंत्र का जो रूप सामने आया है वह वाकई चौंकाने वाला है। ब्राउन की हत्या के बाद जिस तरह अमेरिकी ब्लैक समुदाय की ओर से व्यापक विरोध प्रदर्शन हुआ वह यह दर्शाने के लिए काफी था कि सही या गलत, पर इस समूह के मन में सरकारी मशीनरी के प्रति गहरा अविश्वास है। इसके बाद लोकतांत्रिक मूल्यों में आस्था रखने वाली किसी भी संवेदनशील सरकार का कदम यही हो सकता था कि वह आबादी के इस गरीब, अल्पसंख्यक हिस्से के मन में बैठी गलतफहमियों को दूर करने की कोशिश करे, उसका भरोसा बहाल करे। मगर, ऐसी कोई आकर्षक पहल न तो अम...

यहां पानी में गल गई थी भीम की गदा, पांडवों को मिली थी हत्या के पाप से मुक्ति

राजस्थान की धरती पर अनेक सांस्कृतिक रंग रह पग पर नजर आते हैं। वीर सपूतों की इस धरती पर धर्म और आध्यात्म के भी कई रंग दिखाई देते हैं। कहीं बुलट की बाबा के रूप में पूजा होती है तो कहीं तलवारों के साये में मां की आरती की जाती है तो एक मंदिर ऐसा भी है जिसने 1965 के युद्ध में पाकिस्तान के हमले किए थे नाकाम। ऐसे स्थान के बारे में बता रहा है जहां पानी में गल गई थी भीम की गदा और जिस जगह पर पत्नी संग रहने के लिए भगवान सूर्य को झेलने पड़े थे कष्ट। महाभारत का युद्ध समाप्त हो चुका था, लेकिन जीत के बाद भी पांडव अपने पूर्वजों की हत्या के पाप से चिंतित थे। लाखों लोगों के पाप का दर्द देख श्री कृष्ण ने उन्हें बताया कि जिस तीर्थ स्थल के तालाब में तुम्हारे हथियार पानी में गल जायेंगे वहीं तुम्हारा मनोरथ पूर्ण होगा। घूमते-घूमते पांण्ड़व लोहार्गल आये तथा जैसे ही भीम ने यहां के सूर्य कुंड़ में स्नान किया उनके हथियार गल गये। इसके बाद शिव जी की आराधना कर मोक्ष की प्राप्ति की।   मान्यता है यह देश का पहला ऐसा मंदिर है जहां पत्नी छाया संग विराजते हैं सूर्य भगवान। घने जंगलों के बीच बसा है भगवान सूर्य ...

मान्यताएं: मंदिर से जूते-चप्पल चोरी हो जाए तो समझें ये बातें

मंदिर से जूते-चप्पल चोरी होना आम बात है। इस चोरी को रोकने के लिए सभी बड़े मंदिरों में जूते-चप्पल रखने के लिए अलग से सुरक्षित व्यवस्था की जाती है। इस व्यवस्था के बावजूद भी कई बार लोगों के जूते-चप्पल चोरी हो जाते हैं। किसी भी प्रकार की चोरी को अशुभ माना जाता है, लेकिन पुरानी मान्यता है कि जूते-चप्पल चोरी होना शुभ है।   यदि शनिवार के दिन ऐसा होता है तो इससे शनि के दोषों में राहत मिलती है। काफी लोग जो पुरानी मान्यताओं को जानते हैं, वे अपनी इच्छा से ही दान के रूप में मंदिरों के बाहर जूते-चप्पल छोड़ आते हैं। इससे पुण्य बढ़ता है।   पैरों में होता है शनि का वास   ज्योतिष शास्त्र में शनि को क्रूर और कठोर ग्रह माना गया है। शनि जब किसी व्यक्ति को विपरीत फल देता है तो उससे कड़ी मेहनत करवाता है और नाम मात्र का प्रतिफल प्रदान करता है। जिन लोगों की राशि पर साढ़ेसाती या ढय्या चली रही होती है या कुंडली में शनि शुभ स्थान पर न हो तो उन्हें कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ता है।   हमारे शरीर के सभी अंग ग्रहों से प्रभावित होते हैं। त्वचा (चमड़ी) और पैरों में श...

तीर्थस्थानों का महत्व

ये तीर्थ वो काम करते आये हैं जो आज की तारीख में मॉडर्न टूरिज्म करता है । हिन्दू धर्म में तीर्थ करना आदि गुरु शंकराचार्यों ने इसीलिए आवश्यक किया है ताकि तीर्थस्थान के आस पास के लोगों के रोज़गार की व्यवस्था हो सके, सांस्कृतिक ज्ञान का आदान प्रदान हो, और व्यक्ति से व्यक्ति का मन का जोड़ बने । इसीलिए हिंदुस्तान के दूर दराज़ के दुर्गम और सुगम सभी स्थानों में तीर्थस्थान मिलते हैं । दक्षिण भारतियों का उत्तराखंड के चार धाम या माता वैष्णव देवी के दर्शन को जाना, उत्तर भारतीय तिरुपति और रामेश्वरम के दर्शन करने जाते हैं । पूर्वी भारतीय पश्चिम में सोमनाथ और सिद्धि विनायक मंदिर जाते हैं और पश्चिम वाले बंगाल के माँ काली के मंदिर जाते हैं । यही तो हमारे देश को एक सूत्र में पिरोता है ! देश के अलग अलग हिस्सों के लोग जब तक एक दूसरे से मिलेंगे नहीं और एक दूसरे को जानेंगे नहीं तब तक एक बड़े परिवार का हिस्सा होने की भावना देशवासियों में कैसे जागृत होगी ? तीर्थस्थान की परंपरा से देश की सीमाएं भी सुरक्षित रहती हैं क्योंकि लोगों का आवागमन सालोंसाल बना रहता है । सोचिये कितनी दूर की सोची थी हमारे शंकराचार्य...

सबका प्रिय बनना है तो याद रखें ये 3 सूत्र

  हमारे यहां शब्दों को भी शस्त्र माना गया है। कुछ शब्द तो जीवनभर के घाव दे जाते हैं। कहते हैं मनुष्य के शरीर में जुबान एक ऐसा अंग है जिस पर चोट लग जाए तो सबसे जल्दी ठीक होती है और शरीर के इस अंग से यदि किसी को चोट पहुंचाई जाए तो जीवनभर उसके ठीक होने की संभावना नहीं होती। कहते हैं लात का तोड़ होता है, बात का नहीं। सुंदरकांड में समापन के नजदीक पहुंचकर समुद्र ने श्रीराम से एक ऐसी पंक्ति बोल दी, जिसे लेकर श्रीरामचरित मानस के शोधकर्ता खूब शोर मचाते हैं। यह चौपाई है - ढोल गंवार सूद्र पसु नारी। सकल ताडऩा के अधिकारी।। इसमें पांच लोगों की तुलना की गई है। यदि इसमें नारी नहीं होती तो तुलसीदासजी के विरुद्ध इतना उपद्रव नहीं होता।     कुछ लोगों ने तो उन्हें नारी विरोधी घोषित कर दिया। लोग अपने-अपने ढंग से इसका विश्लेषण करते हैं। मैंने सुना है एक बार एक पति ने इस चौपाई को सुना, फिर पत्नी से कहा, 'इसका अर्थ जानती हो न।' पत्नी ने तुरंत जवाब दिया, 'हां। इसमें चार बातें तुम्हारे लिए कही गई हैं और एक मेरे लिए।' इस प्रसंग को विनोद की दृष्टि से भी देख सकते हैं और गंभीरता से भी। तुल...

हलाला निकह

इस्लाम में हलाला निकह के शिकार ये  क्या शरीयत कानून है ??? हलाला क्या .. मुस्लिम समाज में मुस्लिम  महिलाओं का तलाक के बाद ''हलाला'' से गुजरना कितना दर्दनाक और शर्मनांक हादसा है... शौहर द्वारा 'तलाक' तलाक' 'तलाक' कह देने भर से तुरत प्रभाव से पति और पत्नी का सम्बंध विच्छेद हो जाना एक आश्चर्य है ... और शौहर को गलती का अहसास होने पर पति-पत्नी के सम्बंधों को फिर से बहाल करने के मतलब को हलाला ' कहते हें जहाँ तलाकशुदा पत्नी एक गेर मर्द के साथ निकाह कर एक रात उसके साथ हमबिस्तर हो जिस्मानी रिश्ता कायम करने को मज़बूर होती है. ... उसके बाद नये शौहर से उसको फिर तलाक मिलता है और तब वह पुराने शौहर से फिर निकाह कर अपनी पुरानी जिंदगी में वापस आती है..... इसी शर्मनांक और दर्दनांक प्रक्रिया को हलाला कहते हें जिससे केवल मुस्लिम महिलाओं को गुजरना पड़ता है.... अर्थात पति की खता और पत्नी को सज़ा...... और वह पत्नी जीवन भर उन लम्हों को याद कर सिहर जाती होगी, पीड़ा से गुजारती होगी. .. और फिर अचानक उस एक रात के '' समझौता पूरक शौहर से मुलाकात होने पर उसका केसे साम...

यदि सपने में दिखती है खुद की मृत्यु तो जानिए क्या कहता है ज्योतिष

हम सभी अक्सर सपने देखते हैं। कुछ तो बेहद अजीबो-गरीब होते हैं। जैसे- खुद को उड़ते देखना, खुद की मृत्यु देखना, सपने में पानी देखना आदि। अधिकांश लोगों की यही राय होती है कि सपनों की दुनिया ऐसी होती है, जहां कुछ भी हो सकता है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार हर सपने का एक विशेष अर्थ होता है, हर सपने में भविष्य का एक संकेत छिपा होता है।   यहां जानिए सर्वाधिक देखे जाने वाले खास सपनों से जुड़ी बातें...   मृत्यु का ख्वाब कई बार हम अपनी मृत्यु का सपना भी देखते हैं। इसे लेकर चिंतित होने की ज़रूरत नहीं, क्योंकि यह इशारा है कि अब आप अपनी किसी बुराई को छोड़ कर आगे बढऩे के लिए तैयार हैं। यदि किसी प्रिय की मृत्यु का सपना देखें, तो समझ जाएं कि जल्द ही उनके जीवन में कुछ नया और अच्छा घटित होने वाला है।   टूट गए दांत दांतों का सम्बंध हमारे आत्मविश्वास से है। आमतौर पर जो लोग अपनी सुंदरता को लेकर बहुत ज़्यादा सजग होते हैं, उन्हें इस तरह के सपने आते हैं। इसके अलावा यदि आपको महसूस हो कि सामने वाला व्यक्ति आपके बारे में अच्छा नहीं सोच रहा होगा, तब भी ऐसे सपने परेशान कर सकते हैं। ...