इस्लाम में हलाला निकह के शिकार ये
क्या शरीयत कानून है ???
हलाला क्या ..
मुस्लिम समाज में मुस्लिम
महिलाओं का तलाक के बाद
''हलाला'' से गुजरना कितना
दर्दनाक और शर्मनांक हादसा है...
शौहर द्वारा 'तलाक' तलाक' 'तलाक' कह
देने भर से तुरत प्रभाव से
पति और पत्नी का सम्बंध
विच्छेद हो जाना एक आश्चर्य है ...
और शौहर को गलती का अहसास
होने पर पति-पत्नी के सम्बंधों को फिर से बहाल करने के मतलब को हलाला ' कहते हें जहाँ तलाकशुदा पत्नी एक गेर मर्द के साथ निकाह कर एक रात उसके साथ हमबिस्तर हो जिस्मानी रिश्ता कायम करने को मज़बूर होती है. ...
उसके बाद नये शौहर से उसको फिर तलाक मिलता है और तब वह पुराने शौहर से फिर निकाह कर अपनी पुरानी जिंदगी में वापस आती है.....
इसी शर्मनांक और
दर्दनांक प्रक्रिया को हलाला
कहते हें जिससे केवल मुस्लिम महिलाओं को गुजरना पड़ता है....
अर्थात पति की खता और पत्नी को सज़ा...... और वह पत्नी जीवन
भर उन लम्हों को याद कर सिहर
जाती होगी, पीड़ा से गुजारती होगी. ..
और फिर अचानक उस एक रात के '' समझौता पूरक शौहर से मुलाकात
होने पर उसका केसे सामना करे या
फिर पुराने शौहर की नज़रों में सम्मानसे जगह पा सके..
या फिर क्या पुराना शौहर हलाला के बादपत्नी के उस एक रात के गेर मर्द के साथ के सम्बंध को अपनी
सोच से निकाल पाता होगा ?
क्या शरीयत कानून है ???
हलाला क्या ..
मुस्लिम समाज में मुस्लिम
महिलाओं का तलाक के बाद
''हलाला'' से गुजरना कितना
दर्दनाक और शर्मनांक हादसा है...
शौहर द्वारा 'तलाक' तलाक' 'तलाक' कह
देने भर से तुरत प्रभाव से
पति और पत्नी का सम्बंध
विच्छेद हो जाना एक आश्चर्य है ...
और शौहर को गलती का अहसास
होने पर पति-पत्नी के सम्बंधों को फिर से बहाल करने के मतलब को हलाला ' कहते हें जहाँ तलाकशुदा पत्नी एक गेर मर्द के साथ निकाह कर एक रात उसके साथ हमबिस्तर हो जिस्मानी रिश्ता कायम करने को मज़बूर होती है. ...
उसके बाद नये शौहर से उसको फिर तलाक मिलता है और तब वह पुराने शौहर से फिर निकाह कर अपनी पुरानी जिंदगी में वापस आती है.....
इसी शर्मनांक और
दर्दनांक प्रक्रिया को हलाला
कहते हें जिससे केवल मुस्लिम महिलाओं को गुजरना पड़ता है....
अर्थात पति की खता और पत्नी को सज़ा...... और वह पत्नी जीवन
भर उन लम्हों को याद कर सिहर
जाती होगी, पीड़ा से गुजारती होगी. ..
और फिर अचानक उस एक रात के '' समझौता पूरक शौहर से मुलाकात
होने पर उसका केसे सामना करे या
फिर पुराने शौहर की नज़रों में सम्मानसे जगह पा सके..
या फिर क्या पुराना शौहर हलाला के बादपत्नी के उस एक रात के गेर मर्द के साथ के सम्बंध को अपनी
सोच से निकाल पाता होगा ?
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