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Showing posts from 2015

Mast Comedy

Pani Bharne mast Haryanvi

छोटी राजनीति, दोगलापन या देशद्रोह

याकूब मेमन को फांसी दे दी गयी जो एक ऐतिहासिक फैसला है, परन्तु इस घटना का जिस तरह से राजनीतिकरण हो रहा है वो बहुत ही दुखद है, हम किसी भी तरह से किसी की मृत्यु को सही नही ठहरा सकते वो भी उसके मरने के बाद, परन्तु याकूब जैसे लोगो के लिए हम उनके जीवित रहने को सही नही कह सकते। जिस तरह से इस मृत्यु दंड के फैसले का मजाक बनाया गया या यूँ कहा जाये हमारे कानून के घुमाव दार पैंतरों इस्तेमाल हमारे प्रबुद्ध वकीलों के द्वारा याकूब को बचाने में किया गया वो हमारे समाज को सोचने पर मजबूर कर देता है, क्या यही हैं हमारे कानून के रखवाले, सताए हुओं को न्याय दिलाने वाले? हम यहाँ मृत्यु दंड को जायज नहीं ठहरा रहे परन्तु जो हमारे महानुभावों ने किया उसका विरोध जरूर कर रहे हैं. इस फैसले का पूरे २२ साल तक इंतज़ार किया हमारे देश की जनता ने क्यों? क्या इसी दिन के लिए  निसंदेह , नही. हमने इंतज़ार किया  क्यूंकि याकूब परिवार और दाऊद की वजह से २५७ निर्दोष लोग मारे गए, बहुत से लोग घायल हुए, किसी ने माँ को खोया और किसी ने बेटे को. किसी परिवार का कमाने वाला चला गया  वो परिवार सड़क पर गया भूखा मरने के लिये… ह...

भूत-प्रेतो💀 को निमंत्रण देता है घर के फ्रिज में रखा हुआ आटा ।

 वर्तमान में बहुत सी गृहिणियां खाना बनाते समय रात को बचा हुआ अतिरिक्त आटा गोल लोई बनाकर उसे फ्रिज में रख देती है और उसका प्रयोग अगले दिन करती है। कई बार सुबह के समय भी आटा बचने पर ऎसा ही किया जाता है। धर्मशास्त्रों के अनुसार गूंथा हुआ आटा पिण्ड माना जाता है जिसे मृतात्मा के भक्षण के लिए अर्पित किया जाता है। जिन भी घरों में लगातार या अक्सर गूंथा हुआ आटा फ्रिज में रखने की परंपरा बन जाती है वहां पर भूत, प्रेत तथा अन्य ऊपरी हवाएं भोजन करने के लिए आने लग जाती है। इनमें अधिकतर वे आत्माएं होती है जिन्हें उनके घरवालों ने भुला दिया या जिनकी अब तक मुक्ति नहीं हो सकी है। ऎसी आत्माओं के घर में आने के साथ ही घर में अनेकों समस्याएं भी आनी शुरू हो जाती हैं। बचे हुए आटे को इस तरह रखने वाले सभी घरों में किसी न किसी प्रकार के अनिष्ट देखने को मिलते हैं। वहां अक्सर बीमारियां, क्रोध, आलस आदि बने रहते हैं और घर में रहने वालों की भी तरक्की नहीं हो पाती है। शास्त्रों के अनुसार ऎसे किसी भी चीज को घर में स्थान नहीं देना चाहिए जो मृतात्माओं का भोजन हो अथवा उन्हें किसी भी प्रकार ...

पत्नी और पति

...पत्नी और पति का ..........यह रिश्ता बड़ा निराला एक को है किसी ने दूजे को किसी ने पाला फिर भी दोनों संग है रहते संग हँसते हैं संग रोते हैं दुनिया में यह दस्तूर है किस ने निकाला ..........पत्नी और पति का ..........यह रिश्ता बड़ा निराला इक दूजे को प्यार है करते कभी कभी तकरार भी करते छोड़ जाने की बात भी करते बच्चों की दुहाई देते पर न निकले पति ही घर से न पत्नी को किसी ने निकाला ..........पत्नी और पति का ..........यह रिश्ता बड़ा निराला रिश्ता है यह सब से ऊपर सब रिश्ते में यह है सुपर पति बिन पत्नी न रहती उसकी न जुदाई सहती पत्नी बिन भी पति न रहता सुख दुःख उस के संग है सहता रिश्ता उस का चले उम्र भर जिसने इसे संभाला ..........पत्नी और पति का ..........यह रिश्ता बड़ा निराला Dedicated to all lovely couple. .

अधिक मास में शुभ योग आज, कर सकते हैं ये उपाय

इन दिनों आषाढ़ का अधिक मास चल रहा है। इसे पुरुषोत्तम मास भी कहते हैं। ग्रंथों के अनुसार यह महीना भगवान विष्णु को बहुत प्रिय है, इसलिए इस महीने में भगवान विष्णु का पूजन करने का विशेष महत्व है। आज (29 जून, सोमवार) अधिक मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को सोम प्रदोष का शुभ योग बन रहा है।  ये व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए किया जाता है। चूंकि अधिक मास तीन साल में एक बार आता है इसलिए भगवान विष्णु के प्रिय महीने में भगवान शिव को प्रसन्न करने वाले व्रत का ये योग बहुत ही खास है। इस दिन यदि कुछ विशेष उपाय किए जाए तो भगवान शिव तो प्रसन्न होंगे ही, साथ ही भगवान पुरुषोत्तम की कृपा भी प्राप्त होगी। शिवपुराण के अनुसार, भगवान शिव को प्रसन्न करने के उपाय इस प्रकार हैं- 1.  भगवान शिव को चावल चढ़ाने से धन की प्राप्ति होती है। 2.  तिल चढ़ाने से पापों का नाश हो जाता है। 3.  जौ अर्पित करने से सुख में वृद्धि होती है। 4.  गेहूं चढ़ाने से संतान वृद्धि होती है। यह सभी अन्न भगवान को अर्पण करने के बाद गरीबों में बांट देना चाहिए। शिवपुराण के अनुसार, जानिए भगवान शिव को कौन...

रामायण के सुंदरकांड से जुड़ी ये बातें कम ही लोग जानते हैं

हनुमानजी की सफलता के लिए सुंदरकाण्ड को याद किया जाता है। श्रीरामचरित मानस के इस पांचवें अध्याय को लेकर लोग अक्सर चर्चा करते हैं कि इस अध्याय का नाम सुंदरकाण्ड ही क्यों रखा गया है? यहा जानिए इस प्रश्न का उत्तर... श्रीरामचरित मानस में हैं 7 काण्ड श्रीरामचरित मानस में कुल 7 काण्ड (अध्याय) हैं। सुंदरकाण्ड के अतिरिक्त सभी अध्यायों के नाम स्थान या स्थितियों के आधार पर रखे गए हैं। बाललीला का बालकाण्ड, अयोध्या की घटनाओं का अयोध्या काण्ड, जंगल के जीवन का अरण्य काण्ड, किष्किंधा राज्य के कारण किष्किंधा काण्ड, लंका के युद्ध की चर्चा का लंका काण्ड और जीवन से जुड़े प्रश्नों के उत्तर उत्तरकाण्ड में दिए गए हैं। सुंदरकाण्ड का नाम सुंदरकाण्ड क्यों रखा गया? हनुमानजी, सीताजी की खोज में लंका गए थे और लंका त्रिकुटाचल पर्वत पर बसी हुई थी। त्रिकुटाचल पर्वत यानी यहां 3 पर्वत थे। पहला सुबैल पर्वत, जहां के मैदान में युद्ध हुआ था। दूसरा नील पर्वत, जहां राक्षसों के महल बसे हुए थे और तीसरे पर्वत का नाम है सुंदर पर्वत, जहां अशोक वाटिका निर्मित थी। इसी अशोक वाटिका में हनुमानजी और सीताजी की भेंट हुई थी। इ...

मोदी जी शर्म आती है?

भारत में 20 करोड़ भूखे हैं। यूएन की एक रिपोर्ट है। दुनिया में सबसे ज्यादा भूखे हैं हमारे महान देश भारत में। 15 साल पहले सोचा गया था कि इनकी तादाद घटानी है। मकसद तय किया गया था। पूरा नहीं हुआ। चीन, पाकिस्तान और यहां तक कि बांग्लादेश में भी भूखों की तादाद घटी। पर भारत में नहीं। मोदी जी कह सकते हैं कि यह काम यूपीए सरकार को करना चाहिए था। जरूर करना चाहिए था। पर 15 साल पहले जब यह मकसद तय किया गया था तब मोदीजी के आदर्श भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेयी की ही सरकार थी। उन्हें पता नहीं इस बारे में कुछ करने का वक्त मिला होगा या नहीं। पर सवाल यह नहीं है कि अटल ने क्या किया या मनमोहन ने क्या नहीं किया। ये तो बहाने हैं। सवाल यह है कि मोदी क्या कर रहे हैं। पिछले एक साल में उन्होंने ऐसे क्या कदम उठाए जिनसे भूखों का पेट भरेगा? मोदी की नीतियां क्या किसी सूरत भी कांग्रेस से अलग हैं? क्या उन्होंने ऐसी कोई नीति बनाई है या उसका विचार ही रखा है, जो यूपीए से क्रांतिकारी रूप से अलग हो? जनधन, बीमा, उद्योगों पर निवेश बढ़ाना, जमीनों का अधिग्रहण वगैरह जितने भी बड़े कामों का गाना बीजेपी सरकार गा रही है, वे सब उस...

कई रोगों में रामबाण है ये घरेलू दवा, चरक संहिता में है उल्लेख

कमजोरी के कारण शरीर बीमारियों का शिकार हो जाता है। यदि हम थोड़ी सी सावधानी बरतकर आयुर्वेदिक तरीकों को अपनाएं तो अपने स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल कर पाएंगे। साथ ही, शरीर का कायाकल्प करने में भी आसानी होगी। त्रिफला ऐसी ही आयुर्वेदिक औषधी है जो शरीर का कायाकल्प कर सकती है। त्रिफला का नियमित सेवन करने के बहुत फायदे हैं। स्वस्थ रहने के लिए त्रिफला चूर्ण महत्वपूर्ण है। त्रिफला सिर्फ कब्ज दूर करने ही नहीं बल्कि कमजोर शरीर को एनर्जी देने में भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा भी इसके बहुत सारे उपयोग है। आयुर्वेदिक डॉक्टरों की यह सबसे पंसदीदा दवा है। इसकी मदद से वे किसी भी रोग के लिए दवाईयां बना सकते है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आयुर्वेदिक दवाओं की किताब, चरक सहिंता में सबसे पहले अध्याय में ही त्रिफला के बारे में उल्लेख किया गया है। त्रिफला, आमलकी, हरीतकी और विभतकी का शक्तिशाली मिश्रण है। चलिए आज जानते हैं त्रिफला के बेहद खास उपयोग... 1. कृमि की समस्या को खत्म करता है कृमि की समस्या हो तो त्रिफला खाने से राहत मिलती है। यदि शरीर में रिंगवॉर्म या टेपवॉर्म हो जाते हैं तो भी त्...

बुरा सपना आए तो ये करें, ये हैं सपनों से जुड़ी 6 खास बातें

आमतौर पर सपने सभी को आते हैं। वो चाहे बच्चा हो या वृद्ध। सपने आना एक स्वभाविक प्रक्रिया है, लेकिन हमारे समाज में सपनों को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं। ऐसा माना जाता है कि सपने हमें भविष्य में होने वाली घटनाओं के बारे में सूचित करते हैं।  कुछ सपनों का फल शुभ माना जाता है तो कुछ का अशुभ। स्वप्न ज्योतिष के अनुसार सपने चार प्रकार के होते हैं- पहला दैविक, दूसरा शुभ, तीसरा अशुभ और चौथा मिश्रित। ये सभी भविष्य में होने वाली अच्छी-बुरी घटनाओं के बारे में हमें बताते हैं। कुछ सपने जल्दी सच हो जाते हैं तो कुछ देर से। जानिए सपनों के बारे में कुछ खास बातें- 1.  दैविक व शुभ सपने कार्य सिद्धि यानी काम में सफलता मिलने की सूचना देते हैं।  2.  अशुभ सपने कार्य नहीं होने की सूचना देते हैं और मिश्रित स्वप्न मिश्रित फलदायक होते हैं। 3.  स्वप्न ज्योतिष के अनुसार रात के पहले पहर में देखे गए सपने का फल एक साल के अंदर मिलता है। दूसरे पहर में देखे गए सपने का फल छ: महीने में मिलता है। 4.  तीसरे पहर में देखे गए सपने का फल तीन महीने में मिलता है और चौथे पहर यानी सुबह देखे गए सपने का फ...

यह इंडिया है मेरे यार!

1) हम बेटियों की पढ़ाई से ज्यादा उनकी शादी पर खर्च करते हैं। 2) हम एक ऐसे देश में रहते हैं जहां पुलिस वालों को देखकर हम सुरक्षित महसूस कर ने की बजाय घबरा जाते हैं। 3) IAS एग्जाम में एक शख्स 'दहेज : एक सामाजिक बुराई' विषय पर 1500 शब्दों का बेहतरीन लेख लिखता है। सबको प्रभावित करता है और एग्ज़ाम पास कर लेता है। एक साल बाद यही शख्स दहेज में 1 करोड़ रुपये मांगता है क्योंकि वह एक IAS अफसर है। 4) भारतीय बहुत शर्मीले होते हैं लेकिन फिर भी 121 करोड़ हैं। 5) भारतीयों को स्क्रैचप्रूफ गर्रिला ग्लास वाले स्मार्टफोन पर स्क्रीन गार्ड लगवाना जरूरी लगता है लेकिन बाइक चलाते समय हेल्मेट लगाना नहीं। 6) भारतीय समाज 'रेप मत करो' की बजाय 'रेप से बचो' सिखाता है। 7) यहां योग्य लोगों की बजाय आरक्षण प्राप्त लोग ज्यादा फायदे में रहते हैं। 8) सबसे बेकार फिल्में सबसे ज्यादा कमाई करती हैं। 9) यहां का समाज, एक पॉर्न स्टार को तो सिलेब्रिटी के रूप में खास दर्जा दे देता है लेकिन एक रेप पीड़िता को आम इंसान का दर्जा भी नहीं देता। 10) नेता हमें तोड़ते हैं जबकि आतंकवादी हमें जोड़...
अगर धोनी इतना बड़ा कप्तान होता तो क्यों हार गई टीम। पहली बात तो ये की टीम एक व्यक्ति विशेष द्वारा चुनी गई थी और उस व्यक्ति विशेष ने 30 मैं से 16 खिलाडी एक ही जाती(caste)के भर दिए। क्या पूरे भारत मैं कोई और caste क्रिकेट नही खेलती।। अगली बात एक ऐसे टटपूंजीए खिलाड़ी को एक महान खिलाड़ी की जगह खिलाया गया जो खेल से ज्यादा अपनी दाड़ी मूछों के कारण चर्चित होना चाहता था। धोनी को अपने खेल से ज्यादा अपनी कप्तानी और टीम का घमंड था और किस्मत का साथ।। टी20 और पिछला वर्ल्डकप जिन खिलाडियों के ब ूते जीत गया वो फिट होते हुए भी टीम से बहार थे जबकि एक जाती विशेष के अनफिट खिलाडियों को फाइनल 15 मैं लिया गया। और कुछ किस्मत के धनि खिलाडी या तो पेप्सी बेचते दिख रहे थे या फिर टायर की ऐड करते। जैसे की BCCI वाले इन्हें पैसे ही नही देते।। और रन बनाने से ज्यादा धयान "माय लव" के ट्वीट पर था।। सबसे बड़े मैच मैं सबसे फिस्सडी, अगर कप्तान और मैनेजमेंट टीम चुनते समय किसी अपने का पक्ष ना ले कर देश के लिए टीम चुनते तो 11 मैं से 3 ऐसे खिलाडी थे जिनका कायदे से रणजी ट्राफी मैं भी नंबर न पड़े।। कुछ भगत लोग टी20 और 2011 क...

फ्लिपकार्ट-स्नैपडील में निकली हैं नौकरी, मिलेगी अच्छी सैलरी, करें अप्लाई

नई दिल्‍ली.  देश की दिग्गज ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट ने 2015 में कुल 20 लाख नौकरियां देना का दावा किया है। यह नौकरियां मुख्यत: मार्केट प्लेस और एन्‍सीलियरी सर्विसेज के क्षेत्र में दी जाएंगी। बेंगलुरु की इस कंपनी ने कहा है कि कुल 20 लाख में से 60 फीसदी नौकरियां लॉजिस्टिक और वेयरहाउसिंग सेक्‍टर में दी जाएंगी। फ्लिपकार्ट के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (मार्केटप्‍लेस) अंकित नागोरी के मुताबिक, हमारे पोर्टल पर विक्रेता प्रत्‍यक्ष तौर पर अपने-अपने क्षेत्रों में रोजगार पैदा करने के लिए जिम्‍मेदार होंगे। किस सेक्टर में है नौकरी ई-कॉमर्स सपोर्ट सुविधा जैसे मर्चेंडाइजिंग, खरीदी, पैकेजिंग और कैटालॉगिंग में पिछले एक साल में 75,000 से ज्‍यादा लोगों को रोजगार दिए गए हैं। उन्‍होंने आगे कहा कि पुराने ट्रेंड को देखते हुए फ्लिपकार्ट को पूरा भरोसा है कि वह इस साल 20 लाख लोगों को रोजगार उपलब्‍ध कराएगी। बता दें कि भारत में ई-कॉमर्स सेक्‍टर का तेजी से विकास होने से सभी क्षेत्रों में रोजगार के नए अवसर पैदा हो रहे हैं। पिछले साल ई-कॉमर्स इंडस्‍ट्री में तकरीबन 5 लाख लोगों को रोजगार हासिल हुआ है। स्...

भूमि अधिग्रहण बिल

जो लोग भूमि अधिग्रहण बिल का समर्थन कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जो कि अपने फायदे के लिए अपनी माँ-बहन-बेटी और पत्नी तक का इस्तेमाल करने से नहीं चूकते. क्युंकि गीता में भगवन श्री कृष्ण ने कहा है कि - जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। । कहने का अर्थ है भूमि उस किसान की माँ है और माँ का मोल नहीं लगाया जाता। पर ये अंधभक्त तो शायद दिमाग का इस्तेमाल करते ही नहीं और या फिर दिमाग है ही नहीं। . एक बात शायद भूल रहे हो आप लोग यदि जमीन नहीं रहेगी तो खाओगे क्या ? जब जमीन नहीं रहेगी तो अन्नदाता (किसान) नहीं रहेगा तो क्या आप लोग मोटर कार, टायर, कपडे या पैसा खाओगे?? सोचो। उस किसान के बारे में सोचो जिसकी कोई औकात नहीं रहेगी इस बिल के पास होने के बाद। कोई भी ऐरा gaira कोई भी प्रोजेक्ट फाइल दिखा कर जमीन ले जायेगा चाहे उसका कोई भी उसे न करे ये कहाँ का न्याय है भाई कि जो कर रहा है उससे छीन कर न करने वाले को दे दो। पर लगता है तुम लोगो कि तो बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है तुम्हे तो सपने देखने का शौक है , लोक सभा चुनाव में मोदी जी ने सपने दिखाए, दिल्ली विधान सभा में केजरीवाल ने सपने दिखाए। । यही मोदी जी मुफ़्ती के ह...

गाँधी खानदान कि असलियत « धर्मो रक्षति रक्षितः - आइए आज गाँधी की कुछ असलियत जानते है,

जो हमे हमारी स्कूली किताबो मे पढ़ने को नही मिला.गाँधी – वो शख्स, जो कहता था कि उसके मन मे कभी बलात्कार करने की भावना नही आती.हाँ, ये सच है कि वो बलात्कार नही कर सकते थे. लेकिन इस चीज को वो साबित करने के लिए अपने साथ किसी गरीब घरकी लड़की को नंगा करके उसके साथ नंगा सोते थे. क्या ये सही था? आजादी के बाद अखंड भारत को तीन हिस्सो मे तोड़ने की स्वीकृति इसी गाँधी ने दी थी.क्या ये सही था? सरदार पटेल की ज गह नेहरू को प्रधानमंत्री बनाने के लिए भी गाँधी ने ही कहा था.क्या ये सही निर्णय था? ये वही गाँधी था जिसने सुभाष चंद्र बोस का कांग्रेस के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दिलवाया था.क्या ये सही था? जब नेहरू की बेटी इंदिरा एक मुस्लिम के साथ शादी कर चुकी थी और नेहरू ने उसे अपने घर से, अपने नाम से,अपनी हर चीज से बेदखल कर दिया था, तब इसी गाँधी ने इंदिरा और फिरोज को अपना SURNAME देकर गाँधी बनाया ताकि गाँधी के नाम पर ये इस देश को अंग्रेजो की तरह लूटते रहे.क्या ये सही फैसला था? जब सरदार भगतसिंह को फाँसी होने वाली थी तो गाँधी और नेहरू ही वो शख्स थे जो इस फाँसी को रुकवा सकते थे.लेकिन वो गाँधी ही था जिसने भगतसिंह की फा...