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कई रोगों में रामबाण है ये घरेलू दवा, चरक संहिता में है उल्लेख

कमजोरी के कारण शरीर बीमारियों का शिकार हो जाता है। यदि हम थोड़ी सी सावधानी बरतकर आयुर्वेदिक तरीकों को अपनाएं तो अपने स्वास्थ्य की सही तरह से देखभाल कर पाएंगे। साथ ही, शरीर का कायाकल्प करने में भी आसानी होगी। त्रिफला ऐसी ही आयुर्वेदिक औषधी है जो शरीर का कायाकल्प कर सकती है। त्रिफला का नियमित सेवन करने के बहुत फायदे हैं। स्वस्थ रहने के लिए त्रिफला चूर्ण महत्वपूर्ण है। त्रिफला सिर्फ कब्ज दूर करने ही नहीं बल्कि कमजोर शरीर को एनर्जी देने में भी उपयोग में लाया जा सकता है। इसके अलावा भी इसके बहुत सारे उपयोग है।

आयुर्वेदिक डॉक्टरों की यह सबसे पंसदीदा दवा है। इसकी मदद से वे किसी भी रोग के लिए दवाईयां बना सकते है। आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आयुर्वेदिक दवाओं की किताब, चरक सहिंता में सबसे पहले अध्याय में ही त्रिफला के बारे में उल्लेख किया गया है। त्रिफला, आमलकी, हरीतकी और विभतकी का शक्तिशाली मिश्रण है। चलिए आज जानते हैं त्रिफला के बेहद खास उपयोग...
1. कृमि की समस्या को खत्म करता है
कृमि की समस्या हो तो त्रिफला खाने से राहत मिलती है। यदि शरीर में रिंगवॉर्म या टेपवॉर्म हो जाते हैं तो भी त्रिफला कारगर है। त्रिफला, शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं को बढ़ावा देता है, जो कि किसी भी संक्रमण से लड़ने में सक्षम होती हैं।
2. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
आयुर्वेद में त्रिफला कायाकल्प करने वाली दवा के रूप में जाना जाता है। त्रिफला, शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है जिससे शरीर को बीमारियों से लड़ने की शक्ति मिलती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता से शरीर बाहरी तत्वों के खिलाफ आसानी से लड़ सकता है, जिन लोगों में रोग प्रतिरोधक क्षमता की कमी होती है

वही लोग बार - बार बीमार पड़ते है। त्रिफला, शरीर में एंटीबॉडी के उत्पादन को बढ़ावा देता है, जो शरीर में एंटीजन के खिलाफ लड़ते है और बॉडी को बैक्टीरिया मुक्त रखते है। त्रिफला, शरीर में टी कोशिकाओं के उत्पादन को भी बढ़ावा देते है, जो कि बॉडी की रक्षा प्रणाली को मजबूत बना देती हैं।
कई रोगों में रामबाण है ये घरेलू दवा, चरक संहिता में है उल्लेख

3. लंबी उम्र तक जवान बनाए रखता है
त्रिफला में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं। जो कि सेल्स के मेटाबॉलिज्म को नियमित रखते हैं। साथ ही, उनकी प्रक्रिया को बनाएं रखते है। त्रिफला से उम्र बढ़ाने वाले कारक भी कम होते है, इसीलिए इसके सेवन से उम्र कम दिखती है। यह शरीर की कई सेल्स को नियमित रूप से चलाने में भी मदद करता है जैसे माइटोकांड्रिया, गाल्जी बॉडीज और न्यूकलस, ये तीनों ही सेल्स को सही तरीके से चलाने का काम करता हैं।
4. पाचन की समस्या को करता है दूर
पाचन समस्याओं को दूर करने में त्रिफला सबसे कारगर दवा है। आंत से जुड़ी समस्याओं में भी त्रिफला खाने से काफी राहत मिलती है। त्रिफला के सेवन से आंतों से पित्त रस निकलता है, जो पेट को उत्तेजित करता है और अपचन की समस्या को दूर करता है। शरीर में जी. आई . ट्रेक्ट के पीएच लेवल को भी त्रिफला बनाए रखता है।
5. एनीमिया में है रामबाण
खून की कमी हो जाने पर एनीमिया रोग सताने लगता है। इस रोग में शरीर पीला पड़ जाता है। रोगी को चक्कर आते हैं। यह हीमोग्लोबिन की कमी के कारण होता है। हीमोग्लोबिन की मात्रा में कमी होने पर त्रिफला का सेवन फायदेमंद होता है। त्रिफला शरीर में रेड ब्लड सेल्स को बढ़ा देता है, जिससे एनीमिया की बीमारी दूर हो जाती है।
6. मोटापा कम कर देता है
जिन लोगों को कम उम्र में मोटापा परेशान कर रहा हो उनके लिए त्रिफला से बेहतर कोई दवा नहीं हैं। त्रिफला का नियमित सेवन करने से फैट कम होता है। यह सीधे फैट को ही घटाने का काम करता है।
7. स्किन प्रॉब्लम मिटाता है
किसी भी तरह की स्किन प्रॉब्लम होने पर त्रिफला काफी मददगार होता है। त्रिफला, बॉडी से जहरीले पदार्थों को बाहर निकाल देता है और खून को साफ कर देता है।
8. सांस सबंधी समस्या में
त्रिफला, सांस संबंधी रोगों में लाभदायक होता है। इसके सेवन से सांस लेने में होने वाली असुविधा भी दूर हो जाती है।
9. कैंसर में भी है लाभदायक
एक अध्ययन में पता चला है कि त्रिफला से कैंसर का इलाज संभव है। त्रिफला में एंटी - कैंसर गतिविधियां पाई गई है। इसकी मदद से शरीर की कैंसर कोशिकाओं के विकास को कम किया जा सकता है।
10. सिरदर्द में है असरदार इलाज
यदि किसी को सिरदर्द की समस्या ज्यादा रहती है तो उसे डॉक्टरी सलाह से त्रिफला का नियमित सेवन करना चाहिए। त्रिफला, सिरदर्द को कम करने में मददगार है। सिरदर्द विशेष रूप से मेटाबोलिक गड़बड़ी के कारण होता है। इसका सेवन करने से ये समस्या जड़ से खत्म हो जाती है।
11. डायबिटीज में है लाजवाब दवाडायबिटीज के उपचार में त्रिफला बहुत प्रभावी है। यह पेनक्रियाज को उत्तेजित करने में मदद करता है जिससे इंसुलिन पैदा होता है। शरीर में इंसुलिन की उचित मात्रा शर्करा के स्तर को बनाए रखती है। इसका स्वाद बेहद कड़वा होता है।
कैसे बनाएं त्रिफला - त्रिफला एक आयुर्वेदिक पारंपरिक दवा है जो रसायन या कायाकल्प के नाम से भी प्रसिद्ध है। त्रिफला तीन जड़ी - बूटियों का मिश्रण है -
अमलकी (एमबलिका ऑफीसीनालिस ), हरीतकी ( टरमिनालिया छेबुला ) और विभीतकी ( टरमिनालिया बेलीरिका)। त्रिफला बनाने के लिए तीनों फलों को बराबर बराबर मात्रा में बारीक पीस कर मिला लें और फिर कपड़े से छानकर सेवन करें।
कितनी मात्रा में सेवन करें- रात को सोने से पहले एक चम्मच मात्रा में सेवन करें। फिर गुनगुना दूध पी लें।

विशेष- यह दवा कई बीमारियों में रामबाण का काम करती है। इसीलिए उचित परिणाम के लिए आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

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