जो लोग भूमि अधिग्रहण बिल का समर्थन कर रहे हैं, वे वही लोग हैं जो कि अपने फायदे के लिए अपनी माँ-बहन-बेटी और पत्नी तक का इस्तेमाल करने से नहीं चूकते.
क्युंकि गीता में भगवन श्री कृष्ण ने कहा है कि -
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। ।
कहने का अर्थ है भूमि उस किसान की माँ है और माँ का मोल नहीं लगाया जाता।
पर ये अंधभक्त तो शायद दिमाग का इस्तेमाल करते ही नहीं और या फिर दिमाग है ही नहीं। .
एक बात शायद भूल रहे हो आप लोग यदि जमीन नहीं रहेगी तो खाओगे क्या ?
जब जमीन नहीं रहेगी तो अन्नदाता (किसान) नहीं रहेगा तो क्या आप लोग मोटर कार, टायर, कपडे या पैसा खाओगे??
सोचो।
उस किसान के बारे में सोचो जिसकी कोई औकात नहीं रहेगी इस बिल के पास होने के बाद। कोई भी ऐरा gaira कोई भी प्रोजेक्ट फाइल दिखा कर जमीन ले जायेगा चाहे उसका कोई भी उसे न करे ये कहाँ का न्याय है भाई कि जो कर रहा है उससे छीन कर न करने वाले को दे दो।
पर लगता है तुम लोगो कि तो बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है तुम्हे तो सपने देखने का शौक है ,
लोक सभा चुनाव में मोदी जी ने सपने दिखाए, दिल्ली विधान सभा में केजरीवाल ने सपने दिखाए। ।
यही मोदी जी मुफ़्ती के हाथो सत्ता पाने के लालच में आतंकियों को छुड़वा रहे हैं ये कोई नही सोचता।
अगर कोई सोचता है तो बस ये कि हा यार मोदीजी ने घोषणा कर दी तो ये हो जयेग। अरे कभी अपना दिमाग भी लगाओ या हमेशा ही गुलाम रहने की आदत डाल ली है…
पहले राजाओं के गुलाम, फिर मुगलों के गुलाम उसके बाद अंग्रेजों के गुलाम aur अब राज नेताओं के गुलाम।।
कब छोड़ोगे ये गुलामी की आदत।
क्युंकि गीता में भगवन श्री कृष्ण ने कहा है कि -
जननी जन्मभूमिश्च स्वर्गादपि गरीयसी। ।
कहने का अर्थ है भूमि उस किसान की माँ है और माँ का मोल नहीं लगाया जाता।
पर ये अंधभक्त तो शायद दिमाग का इस्तेमाल करते ही नहीं और या फिर दिमाग है ही नहीं। .
एक बात शायद भूल रहे हो आप लोग यदि जमीन नहीं रहेगी तो खाओगे क्या ?
जब जमीन नहीं रहेगी तो अन्नदाता (किसान) नहीं रहेगा तो क्या आप लोग मोटर कार, टायर, कपडे या पैसा खाओगे??
सोचो।
उस किसान के बारे में सोचो जिसकी कोई औकात नहीं रहेगी इस बिल के पास होने के बाद। कोई भी ऐरा gaira कोई भी प्रोजेक्ट फाइल दिखा कर जमीन ले जायेगा चाहे उसका कोई भी उसे न करे ये कहाँ का न्याय है भाई कि जो कर रहा है उससे छीन कर न करने वाले को दे दो।
पर लगता है तुम लोगो कि तो बुद्धि भ्रष्ट हो चुकी है तुम्हे तो सपने देखने का शौक है ,
लोक सभा चुनाव में मोदी जी ने सपने दिखाए, दिल्ली विधान सभा में केजरीवाल ने सपने दिखाए। ।
यही मोदी जी मुफ़्ती के हाथो सत्ता पाने के लालच में आतंकियों को छुड़वा रहे हैं ये कोई नही सोचता।
अगर कोई सोचता है तो बस ये कि हा यार मोदीजी ने घोषणा कर दी तो ये हो जयेग। अरे कभी अपना दिमाग भी लगाओ या हमेशा ही गुलाम रहने की आदत डाल ली है…
पहले राजाओं के गुलाम, फिर मुगलों के गुलाम उसके बाद अंग्रेजों के गुलाम aur अब राज नेताओं के गुलाम।।
कब छोड़ोगे ये गुलामी की आदत।
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