उस दिन मैंने उस गाँव में ,
उस बुढे किसान को देखा
उसके चश्मे का कांच टुटा हुआ था और
पैरो की चप्पले
फटी हुई थी...
उसके चेहरे पर बड़ी वीरानी थी मुझे
बस से उतरते देख ; वो दौड़ कर मेरे पास आया
मेरा हाथ पकड़ कर बोला ;
मेरा बेटा कैसा है बड़े दिन हुए है , उसे जंग पर गए
हुए ; कह कर गया था कि ;
जल्दी लौट कर आऊंगा पर अब तक
नही आया मेरी हालत तो देखो ....
इस उम्र में मुझे कितनी तकलीफे है
उसकी माँ का इलाज़ कराना है
उसकी बीबी उसका रास्ता देखती है ;
उसका बेटा उसके लिए तरसता है ...
मुझे अपने गले में मेरे आंसू फंसते हुए लगे ;
मैंने कुछ कहना चाहा ,पर
मेरा गला रुंध गया था !
उसके पीछे खड़े लोगो ने कहा
कि; वो पागल हो चुका है अपने बेटे की शहादत पर
जो की एक फौजी था !!!
मेरी आँखें भीग उठी वो बुढा अचानक मेरा हाथ
पकड़ कर बोला बेटा घर चलो हमने उसके बारे में
बताओ....
तुम उसके पास से आ रहे हो न ..
मैंने खामोशी से वो उजाड़ रास्ता तय किया , उस
बुढे
पिता के साथ ;
और उसके टूटे -फूटे घर
पर पहुँचा ! उसने ,मुझे
एक बूढी औरत से
मिलाया
उसे मोतियाबिंद
था !
उसने उससे कहा ,बेटे के
पास से आया है
उसकी ख़बर लाया है ;
बूढी औरत रोने लगी
मैं स्तब्ध था , मुझे कुछ
सूझ नही रहा था !
फिर उस
फौजी की बेवा ;
ने मुझे
पानी दिया पीने
को .
मैंने उसकी तरफ़ देखा
कुल जहान का दुख
उसके चेहरे पर था
इतनी उदासी और
वीरानी मैंने कहीं और
नही देखी थी
मैंने रुकते हुए पुछा घर
का खर्चा कैसे
चलता है
उसने कहा , औरो के घर
के काम करती है
मुझसे रहा नही गया
मैंने कहा ,फौजी के कुछ
रूपये देने थे ;
उससे बहुत पहले लिए
थे... ये ले लो !!!
और घर से बाहर आ
गया
पीछे से एक
बच्चा दौडता हुआ
आया
मेरे कमीज पकड़ कर
बोला
नमस्ते !
मैंने भीगी आंखों से उसे
देखा और पुछा ,
बड़े होकर
क्या बनोंगे ?
उसने मुझे सलाम
किया और कहा
मैं फौजी बनूँगा !!!
आँखों में आंसू लिए
मैंने बस में बैठते हुए
अपने आप से कहा मेरे
देश
में शहादत
की ऐसी कीमत
होती है !!!
वो फौजी हमें बचाने
के लिए अपनी जान दे
गया
और ये देश , उसके
परिवार की जान ले
लेंगा मेरे देश में
शहादत
की ऐसी कीमत
होती है !!!
फिर मैंने बस
की खिड़की से उस
बच्चे
को देखा ,
वो दूर से हाथ
हिला रहा था ......
उसने
कहा था की वो फौजी बनेगा ..
एक और शहादत के
लिये...
हमारे लिये ...
इस देश के लिये ........
भारतीय सेना और
सैनिको के होसले
को सलाम..........
उस बुढे किसान को देखा
उसके चश्मे का कांच टुटा हुआ था और
पैरो की चप्पले
फटी हुई थी...
उसके चेहरे पर बड़ी वीरानी थी मुझे
बस से उतरते देख ; वो दौड़ कर मेरे पास आया
मेरा हाथ पकड़ कर बोला ;
मेरा बेटा कैसा है बड़े दिन हुए है , उसे जंग पर गए
हुए ; कह कर गया था कि ;
जल्दी लौट कर आऊंगा पर अब तक
नही आया मेरी हालत तो देखो ....
इस उम्र में मुझे कितनी तकलीफे है
उसकी माँ का इलाज़ कराना है
उसकी बीबी उसका रास्ता देखती है ;
उसका बेटा उसके लिए तरसता है ...
मुझे अपने गले में मेरे आंसू फंसते हुए लगे ;
मैंने कुछ कहना चाहा ,पर
मेरा गला रुंध गया था !
उसके पीछे खड़े लोगो ने कहा
कि; वो पागल हो चुका है अपने बेटे की शहादत पर
जो की एक फौजी था !!!
मेरी आँखें भीग उठी वो बुढा अचानक मेरा हाथ
पकड़ कर बोला बेटा घर चलो हमने उसके बारे में
बताओ....
तुम उसके पास से आ रहे हो न ..
मैंने खामोशी से वो उजाड़ रास्ता तय किया , उस
बुढे
पिता के साथ ;
और उसके टूटे -फूटे घर
पर पहुँचा ! उसने ,मुझे
एक बूढी औरत से
मिलाया
उसे मोतियाबिंद
था !
उसने उससे कहा ,बेटे के
पास से आया है
उसकी ख़बर लाया है ;
बूढी औरत रोने लगी
मैं स्तब्ध था , मुझे कुछ
सूझ नही रहा था !
फिर उस
फौजी की बेवा ;
ने मुझे
पानी दिया पीने
को .
मैंने उसकी तरफ़ देखा
कुल जहान का दुख
उसके चेहरे पर था
इतनी उदासी और
वीरानी मैंने कहीं और
नही देखी थी
मैंने रुकते हुए पुछा घर
का खर्चा कैसे
चलता है
उसने कहा , औरो के घर
के काम करती है
मुझसे रहा नही गया
मैंने कहा ,फौजी के कुछ
रूपये देने थे ;
उससे बहुत पहले लिए
थे... ये ले लो !!!
और घर से बाहर आ
गया
पीछे से एक
बच्चा दौडता हुआ
आया
मेरे कमीज पकड़ कर
बोला
नमस्ते !
मैंने भीगी आंखों से उसे
देखा और पुछा ,
बड़े होकर
क्या बनोंगे ?
उसने मुझे सलाम
किया और कहा
मैं फौजी बनूँगा !!!
आँखों में आंसू लिए
मैंने बस में बैठते हुए
अपने आप से कहा मेरे
देश
में शहादत
की ऐसी कीमत
होती है !!!
वो फौजी हमें बचाने
के लिए अपनी जान दे
गया
और ये देश , उसके
परिवार की जान ले
लेंगा मेरे देश में
शहादत
की ऐसी कीमत
होती है !!!
फिर मैंने बस
की खिड़की से उस
बच्चे
को देखा ,
वो दूर से हाथ
हिला रहा था ......
उसने
कहा था की वो फौजी बनेगा ..
एक और शहादत के
लिये...
हमारे लिये ...
इस देश के लिये ........
भारतीय सेना और
सैनिको के होसले
को सलाम..........
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