मैं आज यहाँ जो लिखने जा रहा हूँ, हो सकता है कुछ लोगों की राय इससे भिन्न हो, पर बात बिलकुल सही है, आपने देखा होगा और शायद किया भी हो, हमारे देश में जब भी कोई बुरी घटना घटती है, तो अखवार और टीवी वाले समाज को कोसते हैं, कि क्या हो रहा है है देश में, जैसे अभी दो या तीन दिन पुरानी बात है , कर्नाटका के बंगलुरु में कुछ मनचलों ने कुछ महिलाओं को बुरी तरह से परेशान किया दुसरे सब्दों में छेड़ा , वो महिलाऐं बेचारी अपनी कार के अंदर छुप गयी और दरवाजे और खिड़की बंद कर ली, उन बदमाशों ने फिर भी उनका पीछा नहीं छोड़ा तो वो सहायता के चिल्लाने लगीं, लोगों का ध्यान उनकी तरफ नहीं गया, जबकि एक सभ्य नागरिक का कर्तब्य है की यदि बच्चे, बुड्ढे या महिलाओं पर अत्याचार हो रहा हो तो उसको अपने प्राणों से बढ़कर इनकी रक्षा करनी चाहिए। पर ऐसा हुआ नहीं, उल्टा लोग हँसतेhue गुज़र रहे थे. जो कि बहुत ही लज्जात्मक है। इस बात को हमारे अखवार और टीवी वाले बंधुओं ने पूरी तन्मयता से उठाया, जो की अच्छे नागरिक का कर्तब्य भी है, ऐसा देखकर अच्छा लगा, अब इन्ही अखवार और टीवी वालों ने एक दूसरी घटना को भी बहुत बढ़चढ़ कर दिखया जो कि उत्तर प्र...