दांतों की सेहत सही बनाए रखने के लिए कुछ बातों को ज़हन में रखा जाना जरूरी है। ऐसा करने से आप लंबे समय तक दांतों की तकलीफ से पूरी तरह बचे रह सकते हैं। आदतों में किए गए थोड़े-से बदलाव से भी आप बेहतर परिणाम पाने में सफल रहेंगे।
जिन लोगों को बर्फ या ऐसी ही ठंडी चीजों को बार-बार चबाने या चूसने की आदत होती है, उन्हें दांतों की सेहत खराब होने का खतरा अधिक होता है। ऐसा करने से दांतों में फ्रेक्चर होने की आशंका बनी रहती है। यदि आपको कोई ड्रिंक पीने के बाद बचे हुए बर्फ को चबाने की आदत है तो आप इसे त्याग दें। बर्फ चबाने से दांतों में छोटे-छोटे क्रेक बन जाते हैं, जो भविष्य में बड़े होकर दांतों की जड़ों तक पहुंच सकते हैं। ऐसा करना बहुत ही घातक होता है।
ठंडी चीजों को कम से कम समय के लिए मुंह में रहने दें। मीठे खाद्य पदार्थों को ज्यादा देर तक चूसते न रहें।
यदि आपको ऐसी आदत है तो खुद पर नियंत्रण करके इसे दूर किया जा
सकता है।
डॉक्टर की सलाह पर टूथब्रश का चयन करें। ब्रश करते समय ज्यादा जोर न लगाएं।
रोजाना फ्लॉसिंग करें। ब्रश करने को काम न समझें। इत्मिनान से ब्रश करें।
1-बर्फ चबाना-चूसना
जिन लोगों को बर्फ या ऐसी ही ठंडी चीजों को बार-बार चबाने या चूसने की आदत होती है, उन्हें दांतों की सेहत खराब होने का खतरा अधिक होता है। ऐसा करने से दांतों में फ्रेक्चर होने की आशंका बनी रहती है। यदि आपको कोई ड्रिंक पीने के बाद बचे हुए बर्फ को चबाने की आदत है तो आप इसे त्याग दें। बर्फ चबाने से दांतों में छोटे-छोटे क्रेक बन जाते हैं, जो भविष्य में बड़े होकर दांतों की जड़ों तक पहुंच सकते हैं। ऐसा करना बहुत ही घातक होता है।
क्या करें?
ठंडी चीजों को कम से कम समय के लिए मुंह में रहने दें। मीठे खाद्य पदार्थों को ज्यादा देर तक चूसते न रहें।
2-दांतों को औजार समझना
कुछ लोग दांतों को औजार की तरह इस्तेमाल करते हैं। वे इससे बोतलों के ढक्कन खोलते हैं या नट्स तोड़ते हैं। ऐसा करना दांतों के लिए नुकसानदेह होता है। इससे दांतों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं। इसके साथ ही इससे दांतों में सेंसिटिविटी की समस्या हो जाती है। इससे दांतों के किनारे टूट जाते हैं। इसके कारण दांतों में कैविटी होने की आशंका सामान्य से अधिक हो जाती है। कपड़ों पर लगा छोटे से छोटा टैग भी दांतों से उखाड़ना हानिकारक साबित हो सकता है।
क्या करें?
दांतों से कोई सख्त चीज न तोड़ें, बोतल के ढक्कन खोलने की गलती कतई न करें।
दांतों से कोई सख्त चीज न तोड़ें, बोतल के ढक्कन खोलने की गलती कतई न करें।
3-दांत पीसना
बहुत से लोगों को बार- बार दांत पीसने की आदत होती है। ऐसा वे शुरुआती दौर में गुस्से की वजह से करते हैं, लेकिन बाद में यह उनकी आदत बन जाती है। इससे मसूड़ों पर अत्यधिक दबाव पड़ता है। ऐसा होने से दांतों की जड़ें कमजोर होने लगती हैं। लंबे समय तक इस आदत के बने रहने से दांतों के दर्द और कमजोरी की समस्या पैदा हो जाती है। कुछ लोगों को नींद में दांत पीसने की आदत होती है। यह आदत भी लंबे समय बाद घातक हो सकती है। इससे दांतों के कोने घिस जाते हैं और इनमें दरारें भी पड़ जाती हैं।
क्या करें?
यदि आपको ऐसी आदत है तो खुद पर नियंत्रण करके इसे दूर किया जा
सकता है।
4-सख्त ब्रिसल्स वाले टूथब्रश
कुछ लोगों को लगता है कि जितने सख्त टूथब्रश के ब्रिसल्स होंगे उतने अच्छे से दांत साफ होंगे। असल में ऐसा नहीं होता। सख्त ब्रिसल्स के कारण दांतों की जड़ों पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है और सेंसिटिविटी की समस्या बढ़ जाती है। इसके साथ ही कुछ लोग बहुत अधिक दबाव बनाते हुए ब्रश करते हैं। इससे मसूड़ों को चोट पहुंचने का खतरा होता है। इससे दांतों के आसपास छाले होने का खतरा बढ़ जाता है। कुछ
समय बाद यह पायरिया का रूप ले सकता है।
समय बाद यह पायरिया का रूप ले सकता है।
क्या करें?
डॉक्टर की सलाह पर टूथब्रश का चयन करें। ब्रश करते समय ज्यादा जोर न लगाएं।
5-ठीक से ब्रश न करना
कुछ लोग कभी ठीक से ब्रश नहीं करते। वे इसे फिजूल का काम समझकर जल्द से जल्द निपटाना चाहते हैं। ऐसा करने से दांतों में कैविटी होने की आशंका अधिक हो जाती है। इसके साथ ही फ्लॉसिंग
भी रोजाना की जानी चाहिए। इससे दांतों के बीच में फंसे खाने के कण आसानी से निकल जाते हैं। ऐसा न करने पर दांतों की सड़न की आशंका बढ़ जाती है। दिन में एक बार ब्रश करना ठीक नहीं होता। सुबह और रात दोनों बार ब्रश करना जरूरी होता है।
भी रोजाना की जानी चाहिए। इससे दांतों के बीच में फंसे खाने के कण आसानी से निकल जाते हैं। ऐसा न करने पर दांतों की सड़न की आशंका बढ़ जाती है। दिन में एक बार ब्रश करना ठीक नहीं होता। सुबह और रात दोनों बार ब्रश करना जरूरी होता है।
क्या करें?
रोजाना फ्लॉसिंग करें। ब्रश करने को काम न समझें। इत्मिनान से ब्रश करें।
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