पुराने समय से ही सुख और समृद्धि के लिए कई प्रकार की परंपराएं और नियम बताए गए हैं। कई घरों में आज भी इन परंपरागत नियमों का पालन किया जाता है। माना जाता है कि जहां ये परंपराएं प्रचलित हैं, वहां लक्ष्मी कृपा के साथ ही देवी अन्नपूर्णा की कृपा भी बनी रहती है। लक्ष्मी कृपा से धन संबंधी कार्यों में सफलता मिलती है और देवी अन्नपूर्णा की कृपा से घर में अनाज और खान-पान संबंधी अन्य चीजों की समृद्धि बनी रहती है। यदि आप भी मां लक्ष्मी और अन्नपूर्णा देवी को प्रसन्न रखना चाहते हैं तो यहां कुछ ऐसे काम बताए जा रहे हैं, जिनका ध्यान नियमित रूप से रखना चाहिए।
- हर रोज सुबह-सुबह कुछ देर के लिए भजन या देवी-देवताओं के मंत्र सुनना चाहिए। मंत्र और भजनों के स्वर से घर का वातावरण पवित्र होता है और मन के बुरे विचार खत्म होते हैं। मंत्रों के स्वरों से मां लक्ष्मी और मां अन्नपूर्णा प्रसन्न होती हैं।
- घर में कभी भी झाड़ू को खड़ा करके नहीं रखना चाहिए। झाड़ू पर पैर भी नहीं लगाना चाहिए। ना ही झाड़ू के ऊपर से निकलना चाहिए। जो लोग झाड़ू के संबंध में इन बातों का ध्यान नहीं रखते हैं, उनके घर से बरकत चली जाती है। झाड़ू हमेशा छिपाकर रखना चाहिए।
- घर में हर सप्ताह सिर्फ एक बार समुद्री नमक या सेंधा नमक पानी में मिलाएं और उस पानी से पूरे घर में पोंछा लगाएं। ऐसा करने पर घर की नकारात्मक ऊर्जा समाप्त होती है और सकारात्मक ऊर्जा में बढ़ोतरी होती है।
बिस्तर पर बैठ कर कभी भी खाना नहीं खाना चाहिए। जो लोग ऐसा करते हैं, उन्हें मानसिक तनाव का सामना करना पड़ सकता है, बुरे सपने दिखाई देते हैं। नींद की कमी हो सकती है।
- घर में जूते-चप्पल इधर-उधर बिखरे हुए नहीं होना चाहिए। जूते-चप्पल हमेशा व्यवस्थित ढंग से रखना चाहिए। जिन घरों में जूते-चप्पल बिखरे रहते हैं, वहां अशांति का वास होता है।
- हर रोज घर में सुबह 8 बजे से पहले पूजन कर लेना चाहिए। पूजन के लिए भूमि पर आसन बिछाएं और पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुंह करके बैठना चाहिए। पूजा का आसन कुश का हो तो बेहतर होता है।
- सुबह-शाम, जब भी खाएं बनाएं तो पहली रोटी गाय के लिए निकालना चाहिए। अंतिम रोटी कुत्ते के लिए निकालें। जिन घरों में हर रोज यह काम किया जाता है, वहां देवी-देवताओं के साथ ही पितर देवता की भी कृपा बनी रहती है।
- पूजन करते समय जल का एक कलश भरकर रखना चाहिए। कलश का भी पूजन करें। देवी-देवताओं की प्रतिमा के साथ ही कलश पूजन करने पर श्रेष्ठ फल की प्राप्ति होती है।
- पूजन करते समय ध्यान रखें कि आरती, दीपक, अगरबत्ती, माचिस की तीली आदि अग्नि से संबंधित चीजें मुंह से फूंक मारकर नहीं बुझाना चाहिए।
- घर के मंदिर में धूप, अगरबत्ती व हवन आदि पूजन में उपयोग की जाने वाली समस्त सामग्री को दक्षिण-पूर्व दिशा में रखना चाहिए।
- घर के मुख्य द्वार पर सीधे हाथ की ओर स्वास्तिक बनाएं। स्वास्तिक बनाने से घर पर किसी की बुरी नजर नहीं लगती है और श्रीगणेश के साथ ही सभी देवी-देवताओं की कृपा बनी रहती है।
- इस बात का विशेष ध्यान रखें कि घर में कहीं भी मकड़ी के जाले या गंदगी, धूल-मिट्टी नहीं होना चाहिए। जिन घरों में इस बात का ध्यान नहीं रखा जाता है, वहां समृद्धि नहीं रहती है। यदि धन हो भी तो उससे बरकत और पूर्ण सुख प्राप्त नहीं हो पाता है।
- हर रोज सुबह-सुबह सूर्य की किरणें घर में आती है तो यह बहुत ही शुभ होता है। ऐसा होने पर घर के कई वास्तु दोष दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा बनी रहती है।
- यदि घर के पूजन स्थल पर देवी-देवताओं की मूर्ति स्थापित की गई है तो हर रोज सुबह और शाम उनका पूजन होना चाहिए।
- सुबह उठते से सबसे पहले अपनी हथेलियों का दर्शन करना चाहिए। बिस्तर से नीचे भूमि पर पैर रखने से पहले धरती माता से पैर लगाने के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
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