मित्रो, पिछले कुछ समय से एक ट्रेंड सा चल निकला है कि कुछ लोग अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. जैसे अशहिषुणता, गोकशी, बीफ आदि मुद्दे, जो बहुत चर्चा में रहे और लोगो ने इन्हें भुनाने की पूरी कोशिश की. हम इसे छोड़ देते हैं ये सब भूतकाल की बात सोचकर भुला देते हैं. परन्तु अब जो जवाहर लाल विश्व विद्यालय का प्रकरण है इसने तो अंदर से हिलाकर रख दिया है हर भारतवासी को, सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं हमारे माननीय नेता? हम सबकी सोच अलग हो सकती है परन्तु हम अपनी सीमा का ज्ञान तो रखेंगे ही? हम अपनी माँ को माँ ही कहेंगे? JNU में जो कुछ किया तथाकथित छात्रों ने वो एक अपराध है ये सब जानते हैं परन्तु हमारे माननीय नेताओं ने जो किया उसे क्या कहें ? इन नेताओं में कोई नया नहीं था, कुछ तो ऐसे थे जो वर्तमान में संवैधानिक पदो पर आसीन हैं और कुछ अपने आपको भविष्य का प्रधानमंत्री दिखाने में लगे हुए हैं. चलो अब एक नजर JNU प्रकरण पर डालते हैं, वहां पर 9 फ़रवरी को अफजल गुरु की वरसी पर एक कार्यक्रम होता है बिना यूनिवर्सिटी प्रशाशन की अनुमति के और वहां पर ...