Skip to main content

Posts

Showing posts from 2016

किसान का श्रमजल

एक बार भगवान बुद्ध राजगृह में थे। जनसमूह को नित्य प्रवचन देने के उपरांत सायंकाल बुद्ध अपने शिष्यों के साथ बैठकर विभिन्न विषयों पर वार्तालाप किया करते थे। ऐसा करने से शिष्यों का भी ज्ञानवर्धन होता था और बुद्ध को उन सभी का तुलनात्मक बौद्धिक स्तर भी ज्ञात हो जाता था। एक दिन बुद्ध अपने शिष्यों के साथ बैठे बातचीत कर रहे थे। अचानक उन्होंने एक प्रश्न उठाया- तुममें से कोई यह बता सकता है कि सबसे उत्तम जल कौन सा है? एक शिष्य ने तत्काल उत्तर दिया-गंगाजल। बुद्ध ने नकारात्मक मुद्रा में सिर हिलाया। दूसरे शिष्य ने कहा- जमीन पर गिरने से पहले का वर्षाजल। बुद्ध इससे भी असहमत थे। तीसरे शिष्य का विचार था उषाकाल की किरणों में चमकता ओसजल।  बुद्ध इस बार भी संतुष्ट नहीं हुए। चौथे शिष्य की दृष्टि में बिछुड़े हुए बेटे से मिलने पर मां की आंखों में आया अश्रुजल सबसे उत्तम जल था तो पांचवें शिष्य के अनुसार फरेब से इकट्ठे धन को देखकर मरणासन्न धनी की आंखों से पश्चाताप स्वरूप निकलने वाले आंसू से बेहतर कोई जल न था। बुद्ध फिर बोले- नहीं, इससे कहीं अधिक वंदनीय व पवित्र जल भी है? काफी देर से मौन बैठे शिष्य आनंद...

गिरती मानसिकता, घटता राष्ट्रप्रेम

मित्रो, पिछले कुछ समय से एक ट्रेंड सा चल निकला है कि कुछ लोग अपने फायदे के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. जैसे अशहिषुणता, गोकशी, बीफ आदि मुद्दे, जो बहुत चर्चा में रहे और लोगो ने इन्हें भुनाने की पूरी कोशिश की. हम इसे छोड़ देते हैं ये सब भूतकाल की बात सोचकर भुला देते हैं. परन्तु अब जो जवाहर लाल विश्व विद्यालय का प्रकरण है इसने तो अंदर से हिलाकर रख दिया है हर भारतवासी को, सोचने पर मजबूर कर दिया है कि हमारे देश को किस दिशा में ले जाना चाहते हैं हमारे माननीय नेता? हम सबकी सोच अलग हो सकती है परन्तु हम अपनी सीमा का ज्ञान तो रखेंगे ही? हम अपनी माँ को माँ ही कहेंगे? JNU  में जो कुछ किया तथाकथित छात्रों ने वो एक अपराध है ये सब जानते हैं परन्तु हमारे माननीय नेताओं ने जो किया उसे क्या कहें ? इन नेताओं में कोई नया नहीं था, कुछ तो ऐसे थे जो वर्तमान में संवैधानिक पदो पर आसीन हैं और कुछ अपने आपको भविष्य का प्रधानमंत्री दिखाने में लगे हुए हैं. चलो अब एक नजर JNU  प्रकरण पर डालते हैं, वहां पर 9 फ़रवरी को अफजल गुरु की वरसी पर एक कार्यक्रम होता है बिना यूनिवर्सिटी प्रशाशन की अनुमति के और वहां पर ...